जांच में टीम ने दो ट्रांसपोर्ट कंपनियों के पास से 7 हजार टन कोयला अवैध रूप से भंडारित पाया गया। इसकी कीमत करीब डेढ़ करोड़ बताई गई है। कोयला जांच करने पहुंची टीम के मुताबिक एमपीपीजीसीएल ट्रांसपोर्ट कंपनी द्वारा 3 हजार और संगीता सेल्स प्राइवेट लिमिटेड का 4 हजार टन कोयला जब्त किया गया है। इन दोनों ही कंपनियों द्वारा भंडारित कोयला का कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया जा सका।
दोनों कंपनियों का कोयला क्रमश: ग्राम कनई के डेढ़ एकड़ रकबा में और डगा के एक एकड़ रकबा में भंडारित पाया गया। इन दोनों ही कंपनियों के एक संचालक जय प्रकाश अग्रहरी पर खनन, परिवहन व भंडारण का निवारण नियम 2006 के तहत प्रकरण दर्ज कर कलेक्टर न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। इससे एक दिन पहले छापामार कार्रवाई में 8 ट्रांसपोर्टरों के पास से 10 करोड़ का 41500 टन कोयला जब्त किया गया था। कार्रवाई कलेक्टर से कोयला के अवैध भंडारण की शिकायत पर शुरू की गई।
प्रदूषण नियंत्रण के निर्देशों का पालन नहीं
कोयला भंडारण में प्रदूषण नियंत्रण की गाइडलाइन का पालन भी नहीं मिला है। टीम के प्रभारी अधिकारी एके राय के मुताबिक इसलिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से ट्रांसपोर्टर पर पर्यावरण प्रदूषण के मामले में भी प्रकरण दर्ज कराने का निर्णय लिया गया है। प्रभारी अधिकारी के मुताबिक अभी अन्य भंडारण स्थलों पर जांच की कार्रवाई जारी रहेगी।