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ऐसा निर्देश देकर गए मुख्यमंत्री, संसाधनों के अभाव में अमल करना नहीं हो रहा है संभव

locationसिंगरौलीPublished: Jan 18, 2021 11:37:56 pm

Submitted by:

Ajeet shukla

फिर भी अधिकारियों ने लगाया एड़ीचोटी का जोर ….

It is not possible to stop adulteration due to lack of resources in Singrauli

It is not possible to stop adulteration due to lack of resources in Singrauli

सिंगरौली. मिलावट से मुक्ति अभियान का मंसूबा जिले में संसाधनों के अभाव के चलते अधूरा है। पिछले तीन महीनों से चलाए जा रहे अभियान के बावजूद अभी तक केवल दो मिलावटखोरों पर कार्रवाई की जा सकी है। जांच के बावत खाद्य पदार्थों के सेंपलिंग की गतिविधि भी धीमी है।
यही वजह है कि प्रदेश स्तर कार्रवाई की सूची में जिले की रैंक संतोषजनक नहीं है। जिले में मिलावटखोरी पर लगाम लगाने की पूरी कवायद केवल एक निरीक्षक के भरोसे है। शहर से लेकर ग्रामीण अंचल तक की दुकानों की पड़ताल जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी के ही जिम्मे है।
हैरत की बात यह है कि दुकानों में सेंपलिंग के दौरान उनके सहयोग के लिए भी कोई कर्मी नहीं है। स्थिति यह है कि सेंपल लेने से लेकर पैकिंग करने और लिखा पढ़ी करने तक की पूरी प्रक्रिया जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी को ही करना पड़ रहा है। यही वजह है कि सेंपलिंग की कवायद काफी धीमी गति से चल रहा है।
जांच को भेजे गए केवल 75 सेंपल
जिले में मिलावट से मुक्ति अभियान की स्थिति का अंदाजा महज इस बात से लगाया जा सकता है कि अभी तक जांच के लिए राज्य प्रयोगशाला को केवल 75 सेंपल भेजे जा सके हैं। जबकि रिपोर्ट अभी केवल 6 की आ सकी है। इनमें से दो सेंपल अमानक पाए जाने पर संबंधित दुकानदारों के विरूद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है। बाकी पर कार्रवाई के लिए अभी राज्य प्रयोगशाला की रिपोर्ट का इंतजार है।
मोबाइल प्रयोगशाला से की जा रही जांच
थोड़ी राहत भरी बात यह है कि वर्तमान में खाद्य पदार्थों की प्राथमिक जांच के लिए संभाग मुख्यालय से मोबाइल प्रयोगशाला आई है। मोबाइल प्रयोगशाला विभिन्न बाजारों में जाकर खाद्य पदार्थों की जांच कर रही है। हालांकि मोबाइल प्रयोगशाला द्वारा की जाने वाली जांच कानूनी कार्रवाई के लिए वैध नहीं मानी जाती है। खाद्य पदार्थों में कमी मिलने पर दुकानदार को केवल हिदायत दी जा सकती है।
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