scriptखून की कमी से हर महीने दम तोड़ रही प्रसूताएं, स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, पर्दा डालने नहीं कराई जा रही मातृ मृत्यु आडिट | janani die every month due to lack of blood in Singrauli | Patrika News

खून की कमी से हर महीने दम तोड़ रही प्रसूताएं, स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, पर्दा डालने नहीं कराई जा रही मातृ मृत्यु आडिट

locationसिंगरौलीPublished: Jun 01, 2019 03:10:49 pm

Submitted by:

Amit Pandey

शासन को भेजी रही जा रही है गलत रिपोर्ट……

janani die every month due to lack of blood in Singrauli

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सिंगरौली. स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिले में हर महीने खून की कमी से प्रसूताएं दम तोड़ रही हैं जिन पर पर्दा डालने का काम किया जा रहा है। वहीं संभागीय स्वास्थ्य सेवाएं रीवा से लेकर भोपाल तक को भेजी जाने वाली रिपोर्टयहां स्थानीय अधिकारियों की ओर से मनमानी तरीके से तैयार की जा रही है। रिपोर्ट महकमे को बचाते हुए तैयार हो रही है, जबकि हकीकत कुछ है।
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2018-19 में कुल 30 हजार डिलेवरी का लक्ष्य था जिसमें से 27 हजार प्रसव हुए हैं जबकि हाईरिस्क डिलेवरी की अत्यधिक संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने साल भर में 93 मातृ मृत्यु का अनुमान लगाया था, लेकिन हेल्थ मॉनीटरिंग इंफार्मेशन सिस्टम पर भेजी गई ऑनलाइन रिपोर्टिंग में पूरे वर्ष में केवल 32 मातृ मृत्यु ही रिपोर्ट की गई है। इस रिपोर्ट को आला अधिकारी सही नहीं मान रहे हैं।
माना जा रहा है कि जिले में मातृ मृत्यु की आडिट नहीं की जा रही है। जिले में एक अनुमान के मुताबिक 60 फीसदी गर्भवती महिलाएं एनीमिया की चपेट में है। ऐसे में साल भर में केवल 32 मातृ मृत्यु होना रिपोर्ट पर प्रश्नचिन्ह है। संभागीय स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक इतनी कम मातृ मृत्यु संभव नहीं है।निश्चित ही रिपोर्ट फिडिंग में गड़बड़ी हुई है। माना जा रहा है कि इसे संज्ञान में लेकर संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी।
प्रसव से पहले प्रसूताओं को झटके
हाईरिस्क प्रसूताओं में झटके की समस्या तेजी से बढ़ रही है। यह अवस्था जानलेवा साबित हो रही है। जिला अस्पताल के सूत्रों की माने तो जनवरी से अभी तक 40 से अधिक गर्भवतियों को प्रसव से ठीक पहले झटके आए हैं। इनकी डिलेवरी चुनौतीपूर्ण रही है। विशेषज्ञों ने इसे खतरनाक बताया है, उनका दावा है कि यह झटका ज्यादातर उन्हीं महिलाओं को आता है जिनमें खून की कमी रहती है। इससे जच्चा-बच्चा दोनों को खतरा बना रहता है।
दर्जन भर नवजातों ने नहीं देखी दुनिया
नवजातों की गर्भ में मौत हो जाना गर्भवती महिलाओं में खून की कमी माना जाता है। गर्भवती महिला कमजोर और कुपोषित है तो इसका सीधा असर गर्भ में पल रहे नवजात पर पड़ता है। सालभर के भीतर करीब दर्जन भर से अधिक नवजातों ने दुनिया नहीं देखी है। जन्म लेने से पहले ही कोख में दम घुट गया है।
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