मगर गंतव्य तक पहुंचने में देरी से बचने के लिए अधिकतर वाहन चालक रसीद की वास्तविक से कई गुणा ज्यादा चुकाकर चुपचाप निकल जाते हैं। चेक पोस्ट पर गुरुवार दोपहर एेसा ही नजारा देखने को मिला। देखा गया कि इस समय वहां दूसरे राज्य से आए दो ट्रक चालकों को कागजात दिखाने और उनकी पड़ताल की प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद आगे बढऩे की हरी झंडी नहीं मिली। दोनों तय शुल्क पांच सौ रुपए से तीन गुणा अधिक चुकाने के बाद ही इस चेक पोस्ट को पार कर सके।
हालांकि एक ने तो इस अतिरिक्त शुल्क को अधिक बताते हुए आपत्ति भी जताई मगर उसकी बात नहीं सुनी गई। यह एक बानगी भर है। बताया गया कि इस चेक पोस्ट से पूरे दिन में लगभग आधा सैकड़ा जिले से बाहर के तथा दूसरे राज्यों में पंजीकृत वाहन निकलते हैं। इस प्रकार उक्त चेक पोस्ट बिना अतिरिक्त खर्च किए पार कर लेना हर वाहन के लिए आसान नहीं। वहां हर रोज इस तरह की शिकायत आती है मगर सवाल है कि संबंधित जिम्मेवार क्या कर रहे हैं।
केस-1
अनपरा से यूपी नंबर का एक ट्रक इंदौर जा रहा था। उसमें घरेलू उपयोग की सामग्री लदी थी। चेक पोस्ट पर इसके चालक नरेशकुमार को रसीद तो निर्धारित शुल्क पांच सौ रुपए की दी गई मगर उसकी जेब से 15 सौ रुपए चले गए। चालक नरेश ने शुल्क से इतनी अधिक राशि वसूले जाने को ज्यादती ठहराया।
केस- 2
कोलकाता से अमलोरी कोल माइंस के लिए सामान लेकर एक ट्रक चेक पोस्ट पहुंचता है। राज्य के दूसरे जिले में पंजीकृत इस ट्रक को अमलोरी जाना था। चालक अब्दुल करीम ने बताया कि उसे पांच सौ रुपए की रसीद दी गई मगर असल में 15 सौ रुपए देने पड़े। इसके बाद ही वह आगे बढ़ सका।
अनपरा से यूपी नंबर का एक ट्रक इंदौर जा रहा था। उसमें घरेलू उपयोग की सामग्री लदी थी। चेक पोस्ट पर इसके चालक नरेशकुमार को रसीद तो निर्धारित शुल्क पांच सौ रुपए की दी गई मगर उसकी जेब से 15 सौ रुपए चले गए। चालक नरेश ने शुल्क से इतनी अधिक राशि वसूले जाने को ज्यादती ठहराया।
केस- 2
कोलकाता से अमलोरी कोल माइंस के लिए सामान लेकर एक ट्रक चेक पोस्ट पहुंचता है। राज्य के दूसरे जिले में पंजीकृत इस ट्रक को अमलोरी जाना था। चालक अब्दुल करीम ने बताया कि उसे पांच सौ रुपए की रसीद दी गई मगर असल में 15 सौ रुपए देने पड़े। इसके बाद ही वह आगे बढ़ सका।
मामला ध्यान मंें नहीं
इस संबंध में पूछे जाने पर चेक पोस्ट प्रभारी अम्बरीश गर्ग ने मामला ध्यान में नहीं होने से इनकार कर दिया। यह भी कहा कि कई जगह काम चलता है, इसलिए कुछ कहा नहीं जा सकता। इस प्रकार वे पूरे मामले को टाल गए।
इस संबंध में पूछे जाने पर चेक पोस्ट प्रभारी अम्बरीश गर्ग ने मामला ध्यान में नहीं होने से इनकार कर दिया। यह भी कहा कि कई जगह काम चलता है, इसलिए कुछ कहा नहीं जा सकता। इस प्रकार वे पूरे मामले को टाल गए।