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बैरियर पर बाहरी वाहनों पर मुसीबत, हर रोज बढ़ रही शिकायतें, चालक परेशान

locationसिंगरौलीPublished: Dec 14, 2019 02:58:14 pm

Submitted by:

Amit Pandey

जांच के बहाने जेब पर नजर….

Jayant and Khanna Barrier Case of Singrauli District

Jayant and Khanna Barrier Case of Singrauli District

सिंगरौली. स्थानीय को छोड़ दूसरे जिलों व दूसरे राज्यों के सामान ढोने वाले बड़े वाहनों व ट्रकों के लिए जयंत स्थित चेक पोस्ट को पार कर लेना आसान नहीं है। चेक पोस्ट जयंत पार करने के लिए वहां संबंधित वाहन के कागजात का कम जबकि वाहन चालक या मालिक की जेब का अधिक महत्व रहता है। शिकायत है कि वहां से सिंगरौली जिले मंें पंजीकृत को छोड़ शेष जिलों व दूसरे राज्यों के वाहनों से जांच के बहाने खुले तौर पर अवैध वसूली होती है। इसेे लेकर वहां किसी वाहन चालक व चेक पोस्ट पर कर्मियों के बीच कई बार विवाद भी होता है।
मगर गंतव्य तक पहुंचने में देरी से बचने के लिए अधिकतर वाहन चालक रसीद की वास्तविक से कई गुणा ज्यादा चुकाकर चुपचाप निकल जाते हैं। चेक पोस्ट पर गुरुवार दोपहर एेसा ही नजारा देखने को मिला। देखा गया कि इस समय वहां दूसरे राज्य से आए दो ट्रक चालकों को कागजात दिखाने और उनकी पड़ताल की प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद आगे बढऩे की हरी झंडी नहीं मिली। दोनों तय शुल्क पांच सौ रुपए से तीन गुणा अधिक चुकाने के बाद ही इस चेक पोस्ट को पार कर सके।
हालांकि एक ने तो इस अतिरिक्त शुल्क को अधिक बताते हुए आपत्ति भी जताई मगर उसकी बात नहीं सुनी गई। यह एक बानगी भर है। बताया गया कि इस चेक पोस्ट से पूरे दिन में लगभग आधा सैकड़ा जिले से बाहर के तथा दूसरे राज्यों में पंजीकृत वाहन निकलते हैं। इस प्रकार उक्त चेक पोस्ट बिना अतिरिक्त खर्च किए पार कर लेना हर वाहन के लिए आसान नहीं। वहां हर रोज इस तरह की शिकायत आती है मगर सवाल है कि संबंधित जिम्मेवार क्या कर रहे हैं।
केस-1
अनपरा से यूपी नंबर का एक ट्रक इंदौर जा रहा था। उसमें घरेलू उपयोग की सामग्री लदी थी। चेक पोस्ट पर इसके चालक नरेशकुमार को रसीद तो निर्धारित शुल्क पांच सौ रुपए की दी गई मगर उसकी जेब से 15 सौ रुपए चले गए। चालक नरेश ने शुल्क से इतनी अधिक राशि वसूले जाने को ज्यादती ठहराया।
केस- 2
कोलकाता से अमलोरी कोल माइंस के लिए सामान लेकर एक ट्रक चेक पोस्ट पहुंचता है। राज्य के दूसरे जिले में पंजीकृत इस ट्रक को अमलोरी जाना था। चालक अब्दुल करीम ने बताया कि उसे पांच सौ रुपए की रसीद दी गई मगर असल में 15 सौ रुपए देने पड़े। इसके बाद ही वह आगे बढ़ सका।
मामला ध्यान मंें नहीं
इस संबंध में पूछे जाने पर चेक पोस्ट प्रभारी अम्बरीश गर्ग ने मामला ध्यान में नहीं होने से इनकार कर दिया। यह भी कहा कि कई जगह काम चलता है, इसलिए कुछ कहा नहीं जा सकता। इस प्रकार वे पूरे मामले को टाल गए।
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