जिले के एक मात्र सिनेमा हाल मोहन चित्र मंदिर मेंं 24 जनवरी को ही यह स्पष्ट हो गया था कि फिल्म का प्रदर्शन 25 जनवरी को नहीं हो पाएगा। इसके बाद भी करणी सेना सड़क पर उतरी। माना जा रहा है कि ऐसा कर करणी सेना के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता अपना शक्ति प्रदर्शन करना चाहते थे। करणी सेना के पदाधिकारियों ने बैढऩ के मुख्य बाजार ताली मंदिर मार्ग, तुलसी मार्ग, मस्जिद चौराहा सहित अन्य स्थानों पर पहुंचकर दुकानें बंद कराई। उनकी सफाई है कि उन्होंने दुकाने बंद नहीं कराई, व्यापारियों ने दुकान बंद कर स्वत: ही ‘पद्मावत’ फिल्म के विरोध का समर्थन किया है।
सुबह 12 बजे तक बाजार की दुकानें खुल गर्इं। ठंड का मौसम होने की वजह से सुबह सड़क पर लोगों की आना – जाना कम ही होता है। दुकानें भी 10.30 बजे के बाद ही खुलती हैं। ऐसे में करीब एक घंटे का असर पड़ा। जिसकी वजह से लोगों को कोई परेशानी नहीं हुई व बाजार में भी कोई खास असर नहीं पड़ा।
यह है पूरा मामला
संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ का विरोध करणी सेना कर रही है। इसी को लेकर 25 जनवरी को शहर बंद का किया गया । करणी सेना ने आरोप लगाया था कि फिल्म ‘पद्मावत’ में इतिहास के तथ्यों के साथ छेड़छाड़ किया गया है। भारतीय संस्कृति में नारी को देवी का दर्जा प्राप्त है। शक्ति के लिए भी नारी शक्ति की उपासना की पद्धति है। भारतवर्ष जिस स्त्री को पवित्रता अपने अश्मिता की रक्षा करने वाली और अदम्य साहस के प्रतीक चिन्ह केे रूप में प्रस्तुत करता रहा है। उसे गलत तरीके से दिखाया गया है। इस दौरान ज्ञानेन्द्र सिंह,पवन सिंह, राहुल सिंह, सचिन सिंह, सुवेन्द्र सिंह, भोले सिंह, शिवम सिंह, प्रियांशू सिंह, राजेन्द्र सिंह, विनोद सिंह, सहित कई लोग मौजूद रहे।