सिंगरौली

करणी सेना के डर से बंद रही दुकानें, पसरा रहा सन्नाटा

‘पद्मावत’ फिल्म के विरोध में करणी सेना ने शहर बंद कराया,बैढ़न बाजार में रहा मिला जुला असर, दोपहर में खुल गई सभी दुकानें

सिंगरौलीJan 25, 2018 / 06:20 pm

Vedmani Dwivedi

Karani sena closed the city in protest of Padmaavat film

सिंगरौली. ‘पद्मावत’ फिल्म के विरोध में करणी सेना ने 25 जनवरी को शहर बंद कराया। बड़ी संख्या में करणी सेना के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता शहर में रैली निकाली और दुकानें बंद कराई। व्यापारियों ने सुबह दुकान नहीं खोली। जिसकी वजह से सड़क पर सन्नाटा पसरा रहा। शहर की अधिकतर दुकानें बंद रही। हालांकि धीरे – धीरे दोपहर तक सभी दुकानें खुल गर्इं। अन्य दिनों की तरह शहर एक बार फिर दौड़ पड़ा। करणी सेना के जिला अध्यक्ष योगेश सिंह ने शांति पूर्वक प्रदर्शन की घोषण की थी। इस दौरान शहर में किसी भी प्रकार की अनहोनी या फिर विवाद की स्थिति नहीं बनी। उन्होंने बताया कि व्यापारियों के साथ ही आम लोगों ने करणी सेना का अच्छा सहयोग दिया। जिसकी वजह से बंद सफल रहा।

 

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नहीं प्रदर्शित हो पार्ई फिल्म
जिले के एक मात्र सिनेमा हाल मोहन चित्र मंदिर मेंं 24 जनवरी को ही यह स्पष्ट हो गया था कि फिल्म का प्रदर्शन 25 जनवरी को नहीं हो पाएगा। इसके बाद भी करणी सेना सड़क पर उतरी। माना जा रहा है कि ऐसा कर करणी सेना के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता अपना शक्ति प्रदर्शन करना चाहते थे। करणी सेना के पदाधिकारियों ने बैढऩ के मुख्य बाजार ताली मंदिर मार्ग, तुलसी मार्ग, मस्जिद चौराहा सहित अन्य स्थानों पर पहुंचकर दुकानें बंद कराई। उनकी सफाई है कि उन्होंने दुकाने बंद नहीं कराई, व्यापारियों ने दुकान बंद कर स्वत: ही ‘पद्मावत’ फिल्म के विरोध का समर्थन किया है।
नहीं हुई लोगों को परेशानी
सुबह 12 बजे तक बाजार की दुकानें खुल गर्इं। ठंड का मौसम होने की वजह से सुबह सड़क पर लोगों की आना – जाना कम ही होता है। दुकानें भी 10.30 बजे के बाद ही खुलती हैं। ऐसे में करीब एक घंटे का असर पड़ा। जिसकी वजह से लोगों को कोई परेशानी नहीं हुई व बाजार में भी कोई खास असर नहीं पड़ा।
 

Karani sena closed the city in protest of Padmaavat film
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यह है पूरा मामला
संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ का विरोध करणी सेना कर रही है। इसी को लेकर 25 जनवरी को शहर बंद का किया गया । करणी सेना ने आरोप लगाया था कि फिल्म ‘पद्मावत’ में इतिहास के तथ्यों के साथ छेड़छाड़ किया गया है। भारतीय संस्कृति में नारी को देवी का दर्जा प्राप्त है। शक्ति के लिए भी नारी शक्ति की उपासना की पद्धति है। भारतवर्ष जिस स्त्री को पवित्रता अपने अश्मिता की रक्षा करने वाली और अदम्य साहस के प्रतीक चिन्ह केे रूप में प्रस्तुत करता रहा है। उसे गलत तरीके से दिखाया गया है। इस दौरान ज्ञानेन्द्र सिंह,पवन सिंह, राहुल सिंह, सचिन सिंह, सुवेन्द्र सिंह, भोले सिंह, शिवम सिंह, प्रियांशू सिंह, राजेन्द्र सिंह, विनोद सिंह, सहित कई लोग मौजूद रहे।

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