महिलाओं ने परंपरागत तरीके से करवा चौथ का उपवास रखा और शाम को चंद्रमा को अघ्र्य देने के बाद उपवास खोला गया। महिलाओं ने घरों में सामूहिक रूप से करवा चौथ की कथा का श्रवण किया और करवे के साथ चौथ माता की पूजा की गई। चौथ की कथा श्रवण के लिए महिलाओं खासकर नव विवाहितओं में श्रृंगार की होड़ रही। महिलाओं ने दिन भर उपवास रखा और रात को चांद के दर्शन के बाद ही उपवास खोला गया। इस दौरान घरों में चहल पहल रही तथा रात को चांद देखने के प्रति महिलाओं में आकर्षण रहा।
रात 7.58 बजे तक रहा चंद्रोदय का समय
ज्योतिषाचार्य डॉ. एनपी मिश्र ने बताया कि सिंगरौली में रात 7.58 बजे चांद का दीदार होगा। करवा चौथ पूजा शुभ मुहूर्त रात 7 बजे से 8.30 तक रहेगा। उन्होंने बताया कि सौभाग्य वृद्धि की कामना के साथ इस व्रत को किया जाता है। इस व्रत में शिव-पार्वती, श्रीगणेश एवं कार्तिकेय भगवान की पूजा की जाती है। इस व्रत में सौभाग्यवती महिलाएं और नवविवाहिताएं अपने पति की दीर्घायु के साथ-साथ सास,ससुर और माता-पिता के प्रति प्रेम के लिए करती हैं।
ज्योतिषाचार्य डॉ. एनपी मिश्र ने बताया कि सिंगरौली में रात 7.58 बजे चांद का दीदार होगा। करवा चौथ पूजा शुभ मुहूर्त रात 7 बजे से 8.30 तक रहेगा। उन्होंने बताया कि सौभाग्य वृद्धि की कामना के साथ इस व्रत को किया जाता है। इस व्रत में शिव-पार्वती, श्रीगणेश एवं कार्तिकेय भगवान की पूजा की जाती है। इस व्रत में सौभाग्यवती महिलाएं और नवविवाहिताएं अपने पति की दीर्घायु के साथ-साथ सास,ससुर और माता-पिता के प्रति प्रेम के लिए करती हैं।