जिले में हाल में संपन्न सीजन में कुल सात लाख क्विंटल से अधिक धान की समर्थन मूल्य पर खरीद की गई। विवरण में पाया गया कि खम्हारडिह के बाद खरीद मामले में कर्सुआ राजा केंद्र दूसरे स्थान पर रहा। वहां इस सीजन में 38,927 क्विंटल धान की खरीद की गई। इस केंद्र पर 470 किसानों ने इतनी मात्रा में धान की उपज सरकारी एजेंसियां को बेची। इसी प्रकार चतरी केंद्र पर 37,552 क्विंटल, तियरा में 36,940 क्विंटल, सरई में 35,770 क्विंटल, माड़ा में 35,130 क्विंटल, मकरोहर में 34,451 क्विंटल, मझौली में 33,429 व महुआ गांव में 31,042 क्विंटल धान की समर्थन मूल्य पर खरीद की गई।
इसी प्रकार बरगवां केंद्र पर 20 हजार क्विंटल, ईटार में 18,514 क्विंटल, पराई में 16,882 क्विंटल, देवगवां में 26,507 क्विंटल, तेलदह 21,303, उर्ती में 24,314 क्विंटल, परसौना में 20,032 क्विंटल, बिंदुल में 27,300 क्विंटल, चितरंगी में 23,512 क्विंटल, घेघरा में 15,131 क्विंटल, गलिहरा में 20,122 व नवानगर स्थित केन्द्र पर 17,690 क्विंटल मात्रा में धान समर्थन मूल्य पर खरीदा गया।
तियरा पंजीयन में सबसे आगे, खरीदारी कम
एक तथ्य यह सामने आया कि जिले में शासन को समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए कुछ माह पहले तियरा के किसानों की ओर से सर्वाधिक पंजीयन कराया गया। तत्कालीन समय में इस गांव के 739 किसानों का उपज बिक्री के लिए शासकीय पोर्टल पर पंजीयन किया गया मगर पंजीयन कराने वाले किसानों की संख्या सर्वाधिक होने के बावजूद इस केंद्र पर हुई खरीद की मात्रा कुछ कम रह गई। इस केंद्र पर पूरे सीजन में 36,940 क्विंटल मात्रा में ही धान बिक्री के लिए आया। यह मात्रा जिले के कुछ दूसरे केन्द्रों पर हुई खरीद के मुकाबले काफी कम है।
एक तथ्य यह सामने आया कि जिले में शासन को समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए कुछ माह पहले तियरा के किसानों की ओर से सर्वाधिक पंजीयन कराया गया। तत्कालीन समय में इस गांव के 739 किसानों का उपज बिक्री के लिए शासकीय पोर्टल पर पंजीयन किया गया मगर पंजीयन कराने वाले किसानों की संख्या सर्वाधिक होने के बावजूद इस केंद्र पर हुई खरीद की मात्रा कुछ कम रह गई। इस केंद्र पर पूरे सीजन में 36,940 क्विंटल मात्रा में ही धान बिक्री के लिए आया। यह मात्रा जिले के कुछ दूसरे केन्द्रों पर हुई खरीद के मुकाबले काफी कम है।