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पांच हजार की रिश्वत लेते लिपिक को लोकायुक्त पुलिस ने रंगेहाथ पकड़ा, जानिए क्या है पूरा मामला

locationसिंगरौलीPublished: Aug 07, 2019 12:40:12 pm

Submitted by:

Amit Pandey

जनपद पंचायत चितरंगी का मामला…..

Lokayukta action in Chitrangi block of Singrauli district

Lokayukta action in Chitrangi block of Singrauli district

सिंगरौली. मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के भुगतान दिलाने के एवज में पांच हजार रुपए का रिश्वत लेते लिपिक सहायक ग्रेड-३ जनपद पंचायत चितरंगी को लोकायुक्त पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ा है। घंटो तक चली लोकायुक्त की कार्रवाई में चितरंगी ब्लाक में हडक़ंप मच गया। दोपहर बाद शुरू हुई कार्रवाई शाम तक चली।
पूछताछ में आरोपी लिपिक ने गुनाह कबूल कर लिया। उसने लोकायुक्त पुलिस को बताया कि कर्मकार मंडल के तहत कन्या विवाह योजना की सहायता राशि भुगतान करने के एवज में उसने दस हजार रुपए रिश्वत मांगी थी। सौदेबाजी में रिश्वत की राशि घटकर पांच हजार रुपए तक पहुंच गई। इस पर मंगलवार को लोकायुक्त पुलिस ने योजना के तहत सहायक ग्रेड-३ आरोपी राजेश कुमार पाण्डेय पिता हीरालाल पाण्डेय को पांच हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत की राशि बरामद कर ली है। आरोपी लिपिक के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
यह है पूरा मामला
शिकायतकर्ता झोंको निवासी अवधेश सिंह की चचेरी बहन फूलमती पिता दिगपाल सिंह की कर्मकार कल्याण मंडल के तहत कन्या विवाह योजना का 51 हजार रुपए सहायता राशि का भुगतान करना था। जिसके एवज में आरोपी लिपिक राजेश कुमार पाण्डेय ने दस हजार रुपए की रिश्वत की मांग की थी। बातचीत के दौरान पांच हजार कम करते हुए मंगलवार को जनपद पंचायत चितरंगी में शिकायतकर्ता से पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त निरीक्षक अरविंद कुमार तिवारी सहित टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
कमीशन के बिना संभव नहीं अनुदान
जानकारी के लिए बतादें कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत शासन की ओर से मिलने वाली राशि मेें कमीशनखोरी का खेल चल रहा है। लोकायुक्त पुलिस को ऐसे मामले सभी जनपद पंचायतों में मिल जाएंगे। इन मामलों से जनपद सीइओ भी अनजान बनकर बैठे हैं। बैढऩ व देवसर ब्लाक में भी ऐसे कई मामले देखने को मिल जाएंगे। जिसमें हितग्राहियों को राशि जारी करने के लिए मोटी रकम की मांग की जा रही है। यह सब विभाग के आला अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है। इस मसले को लेकर जिला सीइओ को गंभीरता दिखानी होगी।
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