अंतिम दौर में महुआ का सीजन, अब सुखाने में जुटे श्रमिक
महुआ संकलन का काम लगभग अंतिम दौर में....

सिंगरौली. जिले में महुआ संकलन का काम लगभग अंतिम दौर में पहुंच गया है। जिले के माड़ा, नगवा व अन्य जगहों के श्रमिक परिवारों को पहाड़ों व जंगल में अब पहले के मुकाबले बहुत कम मात्रा में महुआ हाथ आ रहा है जबकि इसके लिए परिवार के हर सदस्य को पूरा दिन महुआ जुटाने में लग जाता है। इसलिए श्रमिक परिवारों का मानना है कि अब लगभग एक सप्ताह ही महुआ का और जुटान हो सकेगा। इसके साथ ही यह सीजन लगभग समाप्त हो जाएगा। श्रमिक परिवारों की ओर से पहाड़ पर व जंगलों में महुआ संकलन का काम लगभग 20 से 25 दिन पहले शुरू किया गया।
इसके लिए श्रमिक परिवारों के कई सदस्य सुबह घर से निकल कर जंगल में या पहाड़ पर पहुंचते और शाम तक परिवार का हर सदस्य लगभग एक बोरी महुआ के फल जुटा रहा था मगर अब जंगल में व पहाड़ पर महुआ के फूलों की मात्रा बहुत कम हो गई है। इस कारण श्रमिक परिवारों को बहुत कम मात्रा में महुआ हाथ आ रहा है। इसलिए अब पहले के मुकाबले परिवार के कम लोग महुआ संकलन के लिए जंगल में या पहाड़ पर जाने लगे हैं। इस बीच बताया गया कि अब घरों में संकलित किए गए महुआ को सुखाने और फिर इसे बेचने के लिए खरीददार का इंतजार हो रहा है। हालांकि इस बीच लॉकडाउन के कारण दूसरी जगह के खरीदार श्रमिक परिवारों के पास नहीं पहुंच रहे।
इसलिए श्रमिक कम दाम पर महुआ बिक्री की जगह इसका स्टॉक करने पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। नगवा निवासी महिपाल यादव, राजकुमार यादव, सुरेश साकेत, देशबंधु गुप्ता व अन्य ने बताया कि नगवा से उनके व अन्य श्रमिक परिवार सुबह महुआ संकलन के लिए पहाड़ पर जा रहे थे मगर अब इन दिनों में महुआ कम मिलने के कारण जंगल में या पहाड़ पर जाने वाले परिवार के लोगों की संख्या कम हो गई है। बताया गया कि इस वर्ष पिछले वर्ष के मुकाबले कम मात्रा में महुआ संकलित हो पाया है तथा अब सीजन लगभग खत्म होने के करीब है। इसलिए अधिकतर श्रमिक व निर्धन परिवारों को इस बार महुआ का सीजन अधिक रास नहीं आया।
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