लेकिन 14 जनवरी के बाद खरमास समाप्त होते ही फिर मांगलिक कार्य का श्रीगणेश हो जाता है। खरमास का समापन 14 जनवरी मकर संक्रांति के दिन होता है। अब खरमास समाप्त हो गया है और 22 जनवरी से शादी-विवाह के आयोजन फिर शुरू हो जाएंगे। ज्योतिष विद् एनपी मिश्रा के अनुसार खरमास के समापन के साथ विवाह, मुंडन संस्कार, उपनयन, गृह प्रवेश, नूतन कार्यों का प्रारंभ, देव प्रतिष्ठा सहित अन्य शुभ मुहूर्त का खाता भी खुल जाएगा।
22 जनवरी से विवाह के शुभ मुहूर्त
15 जनवरी को मध्यम दिन होने के कारण जनवरी माह के विवाह मुहूर्त में शुभ विवाह मुहूर्त 22 जनवरी से शुरू होंगे। जिसमें 22, 23, 24, 25, 26, 27, 28 और 29 जनवरी को मांगलिक विवाह होंगे। पंचांग के मतांतर के चलते इस बार खरमास के बाद 20 जनवरी से विवाह मुहूर्त शुरू होने की बात भी कहीं जा रही हैं। वैसे 22, 23, 24 और 25 तारीख को शुभ विवाह के 4 अत्यंत सशक्त मुहूर्त बन रहे हैं। वर्ष 2022 में कुल 62 विवाह के मुहूर्त बन रहे हैं जो कि गत वर्षो की तुलना में पर्याप्त है।
15 जनवरी को मध्यम दिन होने के कारण जनवरी माह के विवाह मुहूर्त में शुभ विवाह मुहूर्त 22 जनवरी से शुरू होंगे। जिसमें 22, 23, 24, 25, 26, 27, 28 और 29 जनवरी को मांगलिक विवाह होंगे। पंचांग के मतांतर के चलते इस बार खरमास के बाद 20 जनवरी से विवाह मुहूर्त शुरू होने की बात भी कहीं जा रही हैं। वैसे 22, 23, 24 और 25 तारीख को शुभ विवाह के 4 अत्यंत सशक्त मुहूर्त बन रहे हैं। वर्ष 2022 में कुल 62 विवाह के मुहूर्त बन रहे हैं जो कि गत वर्षो की तुलना में पर्याप्त है।
22 फरवरी से गुरु अस्त
22 फरवरी 2022 दिन मंगलवार फाल्गुन कृष्ण षष्ठी को गुरु का तारा पश्चिम दिशा में अस्त होगा, जो 23 मार्च दिन बुधवार चैत्र कृष्ण षष्ठी को पूर्व दिशा में उदित होगा। इस अवधि में गुरु के तारे के अस्त स्वरूप होने के कारण विवाह आदि समस्त मांगलिक एवं शुभ कार्य वर्जित रहेंगे।
22 फरवरी 2022 दिन मंगलवार फाल्गुन कृष्ण षष्ठी को गुरु का तारा पश्चिम दिशा में अस्त होगा, जो 23 मार्च दिन बुधवार चैत्र कृष्ण षष्ठी को पूर्व दिशा में उदित होगा। इस अवधि में गुरु के तारे के अस्त स्वरूप होने के कारण विवाह आदि समस्त मांगलिक एवं शुभ कार्य वर्जित रहेंगे।
मलमास 14 मार्च से 14 अप्रैल तक
14 मार्च 2022 को सूर्य गोचरवश मीन राशि में प्रवेश करेंगे। जब सूर्य गोचरवश मीन में प्रवेश करते हैं तो इसे मीन संक्रांति कहा जाता है। सूर्य किसी भी राशि में लगभग एक माह तक रहते हैं। सूर्य के मीन राशि में स्थित होने की अवधि को ही मलमास या खरमास कहा जाता है। मलमास में सभी प्रकार के शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, सगाई, गृहारंभ व गृह प्रवेश के साथ व्रतारंभ व व्रत उद्यापन आदि वर्जित रहते हैं। 14 अप्रैल से ही विवाह के योग बनना प्रारंभ होंगे।
14 मार्च 2022 को सूर्य गोचरवश मीन राशि में प्रवेश करेंगे। जब सूर्य गोचरवश मीन में प्रवेश करते हैं तो इसे मीन संक्रांति कहा जाता है। सूर्य किसी भी राशि में लगभग एक माह तक रहते हैं। सूर्य के मीन राशि में स्थित होने की अवधि को ही मलमास या खरमास कहा जाता है। मलमास में सभी प्रकार के शुभ कार्य जैसे विवाह, मुंडन, सगाई, गृहारंभ व गृह प्रवेश के साथ व्रतारंभ व व्रत उद्यापन आदि वर्जित रहते हैं। 14 अप्रैल से ही विवाह के योग बनना प्रारंभ होंगे।