बिजली कंपनी ने यह काम एक निजी कंपनी को दे दिया है। यह कंपनी पूरे जिले के उपभोक्ताओं के मीटर की फोटो युक्त रीडिंग लेने का काम ठेके पर शुरू कर चुकी है। इसके साथ ही स्थानीय बिजली अमला खुद को सुकू न में पा रहा है। मीटर रीडिंग का काम ठेके पर चले जाने से रीडिंग में गड़बड़ी या कमी के बोझ से भी बिजली कंपनी अमला राहत में आ गया। पहले यही काम बिजली कंपनी अपने स्तर पर संविदा के लोगों से करवा रही थी। जिले के शहरी क्षेत्र में लगभग 44 हजार व ग्रामीण क्षेत्र में लगभग ९० हजार उपभोक्ता बिजली सुविधा का लाभ उठा रहे हैं।
इन सभी उपभोक्ताओं को चक्रीय क्रम से बिल जारी करने की व्यवस्था तय है। इसके तहत हर माह क्रमवार उपभोक्ताओं के मीटर की फोटो युक्त रीडिंग ली जाती है और उसकी गणना के आधार पर ही बिल जारी किया जाता है। एक माह पहले बिजली कंपनी ने यह काम एक कंपनी को ठेके पर सौंप दिया है। यह कपंनी एक-दो अन्य जिलों में पहले ही यह काम कर रही है। बताया गया कि जिले में इस कंपनी ने जुलाई माह से काम संभाल लिया। अब इसी कंपनी के कार्मिकों की ओर से बिजली मीटर की फोटो व रीडिंग ली जा रही है। बताया गया कि इस काम के लिए कंपनी को प्रति मीटर की रीडिंग के हिसाब से मुख्यालय से भुगतान किया जाएगा।
संविदा कर्मियों से कराईजाती रही है रीडिंग
मीटर रीडिंग का काम बिजली कंपनी की ओर से संविदा पर रखे गए कार्मिकों से कराया जाता था। इसके बदले संविदा कर्मियों को बिजली कंपनी की ओर से मजदूरी का भुगतान किया जाता था। रीडिंग का काम अपने पास होने के चलते बिल में रीडिंग की कमी के कारण रही कमी या गड़बड़ी का दोष पहले बिजली कंपनी के गले पड़ता था। इस कारण बहुत बार बिजली अधिकारियों की किरकिरी भी होती थी। इस कारण ही एेसे मामलों में अधिकारियों की ओर से अपने कार्मिकों पर कड़ी कार्रवाई नहीं करने की शिकायत रहती थी। माना जा रहा है कि अब यह काम ठेके पर होने के कारण बिजली अधिकारियों को रीडिंग या मीटर की फोटो में रही किसी कमी की स्थिति में कंपनी पर कड़ी कार्रवाई को लेकर कोई दवाब नहीं रहेगा।
मीटर रीडिंग का काम बिजली कंपनी की ओर से संविदा पर रखे गए कार्मिकों से कराया जाता था। इसके बदले संविदा कर्मियों को बिजली कंपनी की ओर से मजदूरी का भुगतान किया जाता था। रीडिंग का काम अपने पास होने के चलते बिल में रीडिंग की कमी के कारण रही कमी या गड़बड़ी का दोष पहले बिजली कंपनी के गले पड़ता था। इस कारण बहुत बार बिजली अधिकारियों की किरकिरी भी होती थी। इस कारण ही एेसे मामलों में अधिकारियों की ओर से अपने कार्मिकों पर कड़ी कार्रवाई नहीं करने की शिकायत रहती थी। माना जा रहा है कि अब यह काम ठेके पर होने के कारण बिजली अधिकारियों को रीडिंग या मीटर की फोटो में रही किसी कमी की स्थिति में कंपनी पर कड़ी कार्रवाई को लेकर कोई दवाब नहीं रहेगा।
कड़ी शर्त और कटौती की शर्त का अनुबंध
अधिकारियों के अनुसार ठेका कंपनी को कड़ी शर्त के साथ काम करने की मंजूरी दी गई है। अनुबंध शर्त में रीडिंग या मीटर की फोटो में गलती पाए जाने पर ठेका कंपनी पर कार्रवाई व राशि में कटौती करना भी तय किया गया है। इस कंपनी को रीडिंग का विवरण भी समय पर बिजली कंपनी के कार्यालय में जमा कराना होगा ताकि तय तिथि तक बिल तैयार हो सके। इसमें देरी पर कंपनी को दंडित किया जाना तय किया गया है। अनुमान है कि कड़ी शर्तों के कारण ठेके पर होने से भविष्य में रीडिंग की कमी के कारण बिल में गड़बड़ी की शिकायतों में कमी आएगी। बताया गया कि आरंभ में ठेका कंपनी की ओर से केवल शहरी क्षेत्र में ही मीटर की रीडिंग व फोटो लेने के लिए ४० दक्ष कार्मिकों को तैनात किया गया है।
अधिकारियों के अनुसार ठेका कंपनी को कड़ी शर्त के साथ काम करने की मंजूरी दी गई है। अनुबंध शर्त में रीडिंग या मीटर की फोटो में गलती पाए जाने पर ठेका कंपनी पर कार्रवाई व राशि में कटौती करना भी तय किया गया है। इस कंपनी को रीडिंग का विवरण भी समय पर बिजली कंपनी के कार्यालय में जमा कराना होगा ताकि तय तिथि तक बिल तैयार हो सके। इसमें देरी पर कंपनी को दंडित किया जाना तय किया गया है। अनुमान है कि कड़ी शर्तों के कारण ठेके पर होने से भविष्य में रीडिंग की कमी के कारण बिल में गड़बड़ी की शिकायतों में कमी आएगी। बताया गया कि आरंभ में ठेका कंपनी की ओर से केवल शहरी क्षेत्र में ही मीटर की रीडिंग व फोटो लेने के लिए ४० दक्ष कार्मिकों को तैनात किया गया है।