एक अनुमान के आधार पर वर्ष 2002 में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से यहां चितरंगी के चकरिया में सोने की खोज शुरू की गई थी। कई वर्षों के अध्ययन के बाद चितरंगी में सोने के पत्थर मिलने की पुष्टि हुई थी। इसके बाद से प्रदेश सरकार खदान में खनन कराने की तैयारी में जुटी है, जो अब अंतिम चरण में माना जा रहा है।
वैसे तो सोने की खदान के रूप में चितरंगी तहसील का चकरिया ब्लॉक चिह्नित किया गया है, लेकिन यहां करीब 21 हेक्टेयर में सोना का पत्थर पाए जाने की संभावना है। खासतौर पर चार हेक्टेयर में डेढ़ लाख टन सोना प्राप्त होने की बात की जा रही है। इसके अलावा गुरहार पहाड़, थापरा, कर्माहीपुरी व निबुला के बड़े रकबे में सोना मिलने की संभावना है।