कहने को जिला अस्पताल स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र को गंभीर कुपोषित इकाई में तब्दील कर दिया गया है लेकिन यहां सुविधाओं का घोर अभाव है। कमरों में एसी अभी तक नसीब नहीं हुआ है। जो कूलर-पंखे हैं भी, वह महीनों से खराब पड़े हैं। इनको बनवाने पर ध्यान नहीं दिया गया। दोपहर के वक्त ये कुपोषित बच्चे बेड पर नहीं मिलते हैं। इनकी माताएं गर्मी के कारण इन्हें लेकर हाल में आ जाती है। दरअसल, हाल में एक बड़ा कूलर लगा है जिसके भरोसे दोपहर तो जैसे-तैसे कट जाती है लेकिन रात काटना मुश्किल हैं।
जानलेवा हो सकती है ये स्थिति
पोषण पुनर्वास केंद्र में कूलर-पंखो के खराब होने की बात एक महीने पहले सामने आयी थी कर्मचारियों ने सिविल सर्जन को अवगत कराया था। जिसके बाद इलेक्ट्रीशियन को सुधारने के लिए कहा गया था लेकिन कार्य पूरा हुआ या नहीं इसे देखने की फुर्सत सिविल सर्जन नहीं निकाल सके। जबकि अस्पताल रोज आना होता है। लापरवाही का यह आलम कुपोषित बच्चों के लिए जानलेवा हो सकता है। यह जानते हुए भी जिम्मेदार बेपरवाह बने हैं।
पोषण पुनर्वास केंद्र में कूलर-पंखो के खराब होने की बात एक महीने पहले सामने आयी थी कर्मचारियों ने सिविल सर्जन को अवगत कराया था। जिसके बाद इलेक्ट्रीशियन को सुधारने के लिए कहा गया था लेकिन कार्य पूरा हुआ या नहीं इसे देखने की फुर्सत सिविल सर्जन नहीं निकाल सके। जबकि अस्पताल रोज आना होता है। लापरवाही का यह आलम कुपोषित बच्चों के लिए जानलेवा हो सकता है। यह जानते हुए भी जिम्मेदार बेपरवाह बने हैं।