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छह वर्ष की दिव्यांग बेटी पहली बार पैरों पर खड़ी हुई तो भर आईं मां की आंखें

locationसिंगरौलीPublished: Jan 19, 2022 07:17:26 pm

Submitted by:

Hitendra Sharma

दिव्यांग पुनर्वास केंद्र ने नि:शुल्क मुहैया कराया कृत्रिम अंग, अब चलने का दिया जाएगा प्रशिक्षण

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सिंगरौली. छह वर्ष की रिया जन्मजात दिव्यांग हैं। अब तक वह घुटनों के बल चलती रही, लेकिन मंगलवार को जब वह कृत्रिम अंग के सहारे दोनों पैरों पर खड़ी हुई तो मां फूलमती की आंख भर आई। बोली, साहब अब बस इसको चलना सिखा दें। इसकी जिंदगी बन जाएगी। जिला मुख्यालय बैढ़न के बलियरी मोहल्ला निवासी फूलमती अपनी मां के साथ रिया बिना बाप की बच्ची के साथ जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र पहुंची थी।

उन्होंने बताया कि रिया का दाहिना पैर जन्म से छोटा है। इससे वह कभी खड़ी नहीं हो सकी। केवल घुटनों के बल चलती है। केंद्र में कृत्रिम अंग मिलेगा, इस उम्मीद से आई तो पहली बार रिया कृत्रिम अंग के सहारे खड़ी हो पाई। रिया के पिता राज की छह पहले एक बीमरी में मौत हो गई है। फिलहाल रिया की तरह पिछले छह महीनों में 27 लोगों को अंग मुहैया कराया गया। साथ ही उन्हेंर कृत्रिम चलने का प्रशिक्षण दिया गया।

सोसायटी से मिलती है आर्थिक मदद
पुनर्वास केंद्र में कृत्रिम अंग बनाने से लेकर दिव्यांगों को प्रशिक्षित करने सहित केंद्र के संचालन का खर्च रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा उठाया जा रहा है। केंद्र की व्यवस्था बनाने में सोसायटी के कई पदाधिकारियों व सदस्यों ने भी आर्थिक मदद की है। जिससे कृत्रिम अंग बनाने की मशीनों व सामग्री का सहित अन्य जरूरतों का प्रबंध हो पाता है।

जयपुर से मंगाए जाते हैं कृत्रिम अंग
जिले के दिव्यांगों के लिए अभी तक जयपुर से कृत्रिम अंग मंगा कर मुहैया कराया जाता रहा है। इसके लिए दिव्यांगों को कृत्रिम अंग की कीमत भी अदा करनी पड़ती थी, लेकिन अब रेडक्रॉस सोसायटी की मदद से संचालित जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र के जरिए दिव्यांगों को निःशुल्क कृत्रिम अंग मुहैया कराते हुए प्रशिक्षित किया जा रहा है।

6 सदस्यीय टीम दूर कर रही अक्षमता
खुद को अपंग और लाचार महसूस करने वाले दिव्यांगों की अक्षमता छह सदस्यीय टीम दूर कर रही हैं। मुकुल किशोर के नेतृत्व में कार्य कर रही टीम केवल केंद्र में ही कृत्रिम अंग तैयार कर रही है। बल्कि दिव्यांगों को चलने के साथ स्पीच व फिजियोथिरैपी भी दे रही है। वैसे ते केंद्र पिछले वर्ष जुलाई से काम कर रहा है, लेकिन अब नतीजा मिलने लगा है।

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