पेशी के लिए सुबह ही कलेक्ट्रेट पहुंचे पेशकार परिसर में ही समय काटते नजर आए।इंतजार का एक-एक पल उन पर भारी पड़ रहा था।आखिर उन्हें न्यायालय में जो पेश होना था। दरअसल राजस्व न्यायालय में पेशी के लिए पेशकारों को 26 अक्टूबर की तिथि दी गई थी, लेकिन कलेक्टर से लेकर एसडीएम तक ज्यादातर अधिकारी यानी पीठासीन चुनावी तैयारी में व्यस्त रहे। इसी का नतीजा रहा कि पेशकारों को घंटों इंतजार करना पड़ा।
चुनाव बाद की डेट मिलती तो बेहतर होता
पेशकारों की पैरवी करने पहुंचे एक अधिवक्ता ने कहा कि अब विधानसभा चुनाव तक अधिकारी व्यस्त रहेंगे। बेहतर होता कि अब पेशी के लिए पेशकारों को चुनाव के बाद की तिथि दी जाती। इससे पेशकारों की पेशी समय पर होगी और पैरवी करने वालों के साथ पेशकारों को भी राहत मिलेगी। अधिकारियों को भी इस भागदौड़ के बीच थोड़ी राहत मिलेगी।
पेशकारों की पैरवी करने पहुंचे एक अधिवक्ता ने कहा कि अब विधानसभा चुनाव तक अधिकारी व्यस्त रहेंगे। बेहतर होता कि अब पेशी के लिए पेशकारों को चुनाव के बाद की तिथि दी जाती। इससे पेशकारों की पेशी समय पर होगी और पैरवी करने वालों के साथ पेशकारों को भी राहत मिलेगी। अधिकारियों को भी इस भागदौड़ के बीच थोड़ी राहत मिलेगी।
ज्यादातर राजस्व न्यायालयों में यही हाल
यह स्थिति केवल एक कलेक्ट्रेट में ही नहीं बल्कि एसडीएम व तहसीलदार के न्यायालय में ही देखने को मिल रही है। अधिकारी चुनाव में व्यस्त है। इस कारण से पेशकारों की पेशी में लेटलतीफ हो रहा है। गौरतलब है कि एसडीएम व तहसीलदार कार्यालय में रोज न्यायालय चलती है।
यह स्थिति केवल एक कलेक्ट्रेट में ही नहीं बल्कि एसडीएम व तहसीलदार के न्यायालय में ही देखने को मिल रही है। अधिकारी चुनाव में व्यस्त है। इस कारण से पेशकारों की पेशी में लेटलतीफ हो रहा है। गौरतलब है कि एसडीएम व तहसीलदार कार्यालय में रोज न्यायालय चलती है।
उदाहरण:-एक
रामरती रिश्ते में आने वाले बिदूर गांव के ही रौहाल द्वारा टै्रक्टर खरीदे जाते समय गारंटर बनी थी।रौहाल ट्रैक्टर की किश्त जमा नहीं कर सके। नतीजा अब रौहाल के साथ रामरती की संपत्ति भी कुर्क होने को है। रामरती इसी मामले में पेशी के लिए कलेक्ट्रेट पहुंची थी।
रामरती रिश्ते में आने वाले बिदूर गांव के ही रौहाल द्वारा टै्रक्टर खरीदे जाते समय गारंटर बनी थी।रौहाल ट्रैक्टर की किश्त जमा नहीं कर सके। नतीजा अब रौहाल के साथ रामरती की संपत्ति भी कुर्क होने को है। रामरती इसी मामले में पेशी के लिए कलेक्ट्रेट पहुंची थी।
उदाहरण:-दो
चितरंगी से भी कईपेशकार जमीन सुधार के मामले में पेशी के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर के ढाई बजे तक उनकी पेशी नहीं हो सकी थी। राजस्व न्यायालय में पीठासीन का न होना, इसका कारण बना।बताया गया था कि पेशी शाम चार बजे तक होगी।
चितरंगी से भी कईपेशकार जमीन सुधार के मामले में पेशी के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर के ढाई बजे तक उनकी पेशी नहीं हो सकी थी। राजस्व न्यायालय में पीठासीन का न होना, इसका कारण बना।बताया गया था कि पेशी शाम चार बजे तक होगी।