वस्तुस्थिति को देखते हुए मूल्यांकन अधिकारी की चिंता बढ़ गई है। मंडल मुख्यालय की ओर से जारी आदेश के मुताबिक पूर्व की तरह उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय बैढऩ को मूल्यांकन केंद्र बनाया गया है। विद्यालय के प्राचार्या जेके थापर को मूल्यांकन अधिकारी नियुक्त किया गया है।
केंद्र में जारी निर्देशों के अनुपालन में उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन शनिवार 5 मार्च को शुरू कर दिया गया। दूसरे दिन रविवार को अवकाश होने के बावजूद मूल्यांकन कार्य जारी रहा, लेकिन दोनों दिन शिक्षकों की उपस्थिति कम होने के चलते उम्मीद के अनुरूप उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन नहीं किया जा सका है। मूल्यांकन अधिकारी के मुताबिक इसकी मुख्य वजह मूल्यांकनकर्ताओं की उपस्थिति कम होना है।
मूल्यांकन कार्य के लिए सभी विषयों को मिलाकर 303 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन मूल्यांकन के लिए दोनों दिन उपस्थित होने वाले शिक्षकों की संख्या एक तिहाई से भी कम रही है। पहले दिन 5 मार्च को 75 और दूसरे दिन 6 मार्च को 87 शिक्षक मूल्यांकन कार्य के लिए उपस्थित हुए। शिक्षकों की उदासीनता का यह आलम तब है, जबकि मूल्यांकन कार्य को अत्यावश्यक सेवा में रखा गया है।
अनुपस्थित शिक्षकों को जारी की जाएगी नोटिस
मूल्यांकन अधिकारी के मुताबिक शिक्षकों की अनुपस्थिति से संबंधित जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को दे दी गई है। उम्मीद है कि शिक्षा अधिकारी की ओर से शिक्षकों को नोटिस जारी कर मूल्यांकन कार्य में शामिल होने के लिए कहा जाएगा। डीइओ की ओर से नोटिस जारी होने के बाद भी शिक्षक उपस्थित नहीं होते हैं, तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।
मूल्यांकन अधिकारी के मुताबिक शिक्षकों की अनुपस्थिति से संबंधित जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी को दे दी गई है। उम्मीद है कि शिक्षा अधिकारी की ओर से शिक्षकों को नोटिस जारी कर मूल्यांकन कार्य में शामिल होने के लिए कहा जाएगा। डीइओ की ओर से नोटिस जारी होने के बाद भी शिक्षक उपस्थित नहीं होते हैं, तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।
अधिकतम 45 उत्तरपुस्तिकाओं कर सकते हंै मूल्यांकन
मंडल मुख्यालय से जारी निर्देशों के अनुरूप एक शिक्षक से अधिकतम 45 उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराया जा सकता है। यही वजह है कि उपस्थित शिक्षकों से अधिक उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराना संभव नहीं है। इस कारण से शिक्षकों की उपस्थिति कम होने से मूल्यांकन की रफ्तार भी धीमी है। मूल्यांकन की रफ्तार शिक्षकों के उपस्थिति बढऩे पर ही बढ़ेगी।
मंडल मुख्यालय से जारी निर्देशों के अनुरूप एक शिक्षक से अधिकतम 45 उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराया जा सकता है। यही वजह है कि उपस्थित शिक्षकों से अधिक उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराना संभव नहीं है। इस कारण से शिक्षकों की उपस्थिति कम होने से मूल्यांकन की रफ्तार भी धीमी है। मूल्यांकन की रफ्तार शिक्षकों के उपस्थिति बढऩे पर ही बढ़ेगी।