नए फैसले के अनुसार अब वन्य प्राणि भी किसानों-गरीबों की किसी संपत्ति को नुकासन पहुंचाती है तो उसकी भी क्षतिपूर्ति दी जाएगी। वो भी ठीक वैसे ही जैसे प्राकृतिक आपदा से होने वाली क्षति में दी जाती है। शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल ने यह फैसला लिया है कि प्राकृतिक प्रकोपों से होने वाली क्षति के वर्तमान में प्रावधानित मानदंडों में संशोधन करते हुए अब किसी भी प्रकार के प्राकृतिक प्रकोप या आग लगने के कारण या वन्य प्राणियों द्वारा मकान पूर्ण रूप से नष्ट किया गया हो अथवा आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुआ हो तो उसे भी आर्थक अनुदान सहायता दी जा सकेगी।
इसके साथ ही प्राकृतिक प्रकोप या अग्नि दुघर्टना के साथ वन्य प्राणियों द्वारा पीड़ित परिवार के कपड़े, खाद्यान् एवं बर्तनों की हानि के लिए प्रति परिवार 5 हजार रूपये आर्थिक अनुदान के रूप में तथा 50 किलोग्राम खाद्यान्न (गेंहूं/चावल) और पांच लीटर केरोसीन तात्कालिक सहायता के रूप में दी जाएगी। इसके साथ अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदा के मामलों में एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिस्पोंस फंड) से राहत राशि व्यय में ऐसे मद भी शामिल किए गए हैं, जिनके विषय में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं था। राज्य शासन के आदेशानुसार प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त फसल के मामलों में अब देय अनुदान सहायता से कम मूल्य की फसल क्षति हुई हो तो भी अनुदान सहायता नष्ट हुई फसल के मूल्य के बराबर देय होगी तथा प्रत्येक खाते के लिए सभी फसलों के मामले में देय राशि 5 हजार से कम नहीं होगी।