राजधानी के हमीदिया अस्पताल में हुई आग लगने की घटना के बाद शासन व प्रशासन हरकत में आया है। इसके मद्देनजर रीवा संभाग के आयुक्त अनिल सुचारी शुक्रवार को सिंगरौली पहुंचे। जहां कलेक्ट्रेट सभागार में प्रशासनिक व स्वास्थ्य अमले के साथ बैठक आयोजित किया। बैठक का मुख्य उद्देश्य अस्पतालों में आगजनी की घटना से सुरक्षा के इंतजाम को लेकर था।
बैठक के दौरान रीवा संभागायुक्त ने कलेक्टर राजीव रंजन मीना व स्वास्थ्य अधिकारियों को सख्त निर्देश दिया कि जिले में संचालित शासकीय व निजी अस्पतालों में फायर सेफ्टी संबंधित व्यवस्था की जांच कराएं। अस्पतालों में बच्चा वार्ड व आइसीयू सहित अन्य वार्डो में फायर सेफ्टी की व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद रखें।
कहा कि विगत दिवस हमीदिया चिकित्सालय भोपाल के शिशु वार्ड में लगी आग एक दुर्भाग्य पूर्ण घटना थी। ऐसी घटना की पुनरावृत्ति जिले के सरकारी व निजी अस्पतालों में घटित न हो। इसके लिए फायर सेफ्टी की व्यवस्था अति आवश्यक है। बैठक के दौरान जिले के अधिकारी व शासकीय व निजी अस्पतालों के प्रबंधन मौजूद रहे।
जर्जर बिजली तार को तत्काल बदलें
सीएमएचओ डॉ. एनके जैन को कलेक्टर ने सख्त निर्देश दिया है कि एसएनसीयू व बच्चा वार्ड सहित अस्पताल के अन्य वार्डों में जर्जर बिजली तार को तत्काल बदलें। चिकित्सालय में विद्युत वायरिंग स्वीच की सघनता से जांच कराएं। अस्पतालों में किसी भी प्रकार का शार्ट-सर्किट न होने पाए। उन्होंने निर्देश दिया कि चिकित्सालय के चिन्हित स्थानों पर संकट द्वार का बोर्ड लगाया जाना सुनिश्चित करें।
निजी अस्पतालों की स्थिति खराब
जिला अस्पताल के अलावा निजी अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था दयनीय है। एक तो ज्यादातर अस्पतालों में फायर सेफ्टी की व्यवस्था नहीं है। जहां है भी वहां स्टॉफ उपकरण चलाने और आपदा की स्थिति में आग पर कैसे काबू पाया जा सकता है, इसकी जानकारी नहीं है। हैरत की बात यह है कि जिले के अधिकारियों और स्वास्थ्य महकमे ने कभी इस गौरफरमाने की जरूरत नहीं समझी है। यही वजह है कि ज्यादातर उपकरण एक्सपायर हो चुके हैं। अब भोपाल की घटना के बाद अफसरों की नींद टूटी है।