पेयजल पर शुल्क वसूलने की योजना बना रहे निगम अधिकारियों का कहना है कि स्वच्छता सर्वेक्षण के बावत निर्धारित मानकों में घर-घर वाटर मीटर लगाना अनिवार्य है। प्रत्येक घर से खर्च किए गए पानी के बदले एक निर्धारित शुल्क वसूल करना है। हालांकि यह शुल्क बहुत कम माना जा रहा है, लेकिन तर्क है कि इससे पानी के अपव्यय पर लगाम लगेगा।
घरों में वाटर मीटर लगाने की कवायद मोरवा जोन से ही शुरू होगी। जलापूर्ति की शुरुआत होने के बाद अब वहां घरों में वाटर मीटर लगाने की कवायद शुरू की जाएगी। अधिकारियों के मुताबिक मोरवा जोन के 12 हजार घरों में पानी का कनेक्शन देने की लक्ष्य है। इसी अनुमान के आधार पर करीब 12 हजार घरों में वाटर मीटर लगाया जाएगा।
निश्चित मात्रा पर प्रति घर 150 रुपए का शुल्क
वैसे तो निगम अधिकारियों की ओर से घरों से पेयजल के बदले कितना शुल्क लिया जाए, इसका निर्धारण करना अभी बाकी है, लेकिन अब तक की चर्चाओं पर गौर करें तो हर घर से पानी की एक निर्धारित मात्रा के बदले प्रति महीने 150 रुपए लिया जाएगा। पानी की निर्धारित मात्रा को अभी तय किया जाना बाकी है।
वैसे तो निगम अधिकारियों की ओर से घरों से पेयजल के बदले कितना शुल्क लिया जाए, इसका निर्धारण करना अभी बाकी है, लेकिन अब तक की चर्चाओं पर गौर करें तो हर घर से पानी की एक निर्धारित मात्रा के बदले प्रति महीने 150 रुपए लिया जाएगा। पानी की निर्धारित मात्रा को अभी तय किया जाना बाकी है।
प्रत्येक टंकी में लगेगा वाटर मीटर
निगम के मुख्य कार्यपालन यंत्री व्हीपी उपाध्याय के मुताबिक वाटर मीटर लगाने की शुरुआत उन टंकियों से होगी, जिनमें से पानी की सप्लाई घरों में किया जा रहा है। कलेक्टर के निर्देश के मुताबिक इससे यह भी मालूम हो सकेगा कि कितना पानी टंकियों में भरा जा रहा है और कितना घरों तक पहुंच रहा है।
निगम के मुख्य कार्यपालन यंत्री व्हीपी उपाध्याय के मुताबिक वाटर मीटर लगाने की शुरुआत उन टंकियों से होगी, जिनमें से पानी की सप्लाई घरों में किया जा रहा है। कलेक्टर के निर्देश के मुताबिक इससे यह भी मालूम हो सकेगा कि कितना पानी टंकियों में भरा जा रहा है और कितना घरों तक पहुंच रहा है।
वर्तमान की स्थिति
10 लाख लीटर की तीन टंकी
03 लाख लीटर की पांच टंकी
08 हजार घरों में पानी की सप्लाई
10 लाख लीटर की तीन टंकी
03 लाख लीटर की पांच टंकी
08 हजार घरों में पानी की सप्लाई