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खून के रिश्तों का खूनी अंत, कभी पत्नी तो कहीं भाई को उतार रहे मौत के घाट, जानिए क्या बन रही वजह

locationसिंगरौलीPublished: Jun 25, 2019 12:22:21 pm

Submitted by:

Amit Pandey

गंभीर होती जा रही समस्या…..

सिंगरौली. ऊर्जाधानी में खून के रिश्तों का खूनी अंत हो रहा है। तनाव में आकर लोग अपने ही लोगों की हत्या करने से नहीं चूक रहे हैं। पखवाड़ा भर पहले भाई तो रविवार को पत्नी की हत्या का मामला सामने आया। कुछ वर्ष पहले सात फेरे लेकर जिसका जिंदगी भर साथ निभाने का वचन लिया। उसी को आग से जिंदा जलाकर मार डाला। जी, हां बात गोरबी चौकी क्षेत्र में लगभग डेढ़ माह पहले घटित आगजनी की घटना में हुईमहिला की मौत की बात कर रहे हैं।
मानसिक रोग के डाक्टरों का मानना है कि डिप्रेशन के कारण लोग ऐसा खौफनाक कदम उठा रहे हैं। कभी पत्नी के चरित्र पर शक को लेकर तो कहीं जमीनी विवाद में भाई-भाई को मौत के घाट उतार रहे हैं। जिले में इस तरह की ये पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी इस तरह की कई ऐसी घटनाएं घटित हो चुकी हैं। यह समस्या गंभीर होती जा रही है, समाज में इसका बेहद खौफनाक असर देखने को मिल रहा है लेकिन इसका कोई हल नहीं निकलने से लोग खौफजदा हैं।
मन को खोखला कर देता है तनाव
जानकार बताते हैं कि कुंठा, हताशा, निराशा व डिप्रेशन यह छोटी-छोटी भावनाएं गहरा जाएं तो जानलेवा साबित होती हैं। समय रहते ही इससे छुटकारा पा लेना ही बेहतर होगा। यह समस्या जितनी ही आगे बढ़ती जाती है, उसकी जड़ें उतनी ही गहरा जाती हैं। मानसिक तनाव निराशा और फिर अवसाद की जहरीली बेल में तब्दील हो सकता है। फिर ये जहरीली बेल ना सिर्फ उस शिकार मन को खोखला कर देती है, बल्कि उसके तन पर भी असर करने लगती है। अगर इसे जड़ से ना उखाड़ा जाए तो जानलेवा भी हो सकती है।
केस-एक
मोरवा थाना क्षेत्र के गोरबी में राकेश कोल अपनी पत्नी सुनीता को आग लगाकर जिंदा जला दिया। जिससे उपचार के दौरान महिला की मौत हो गई। पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है।
केस-दो
बरगवां थाना क्षेत्र के कनई गांव में दो जून को जमीनी विवाद के चलते रामकिशुन साकेत अपने लडक़ों के साथ छोटा भाई सदाबरन साकेत को लाठी-डंडे से पीटकर मौत के घाट उतार दिया था।
ये भी बन रही मुख्य वजह:
– एक तरफा प्रेम में पडऩा।
– बार-बार टार्चर या जलील होना।
– गंभीर गलती जिसमें बदनामी का डर।
– परिवार में एक-दूसरे की बात अनसुना करना।
– पुरानी रंजिश को लेकर तनाव में आ जाना।
ऐसे करें पहचान:
– अपनों से कम बातचीत करना।
– दिनभर गुमसुम रहना।
– बात-बात पर चिड़चिड़ापन।
– रात-रात भर नींद न आना।

यह करें उपाय:
– ऐसे लोगों को अकेले न छोड़ें।
– मनपसंद टॉपिक पर बात करते रहें।
– ताने मारने के बजाय उत्साहवर्धन करें।
– माता-पिता के साथ समय बिताएं।
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