नगर निगम के बगल स्थित तालाब भी पहले की तरह दुर्दशा का शिकार बना हुआ है। वर्ष 2020 की शुरुआत में शहरी क्षेत्र के 20 तालाबों के सौंदर्यीकरण की योजना की बनाई गई थी। निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप इस वर्ष के अंत तक २० तालाबों का सौंदर्यीकरण किया जाना था।
अभी तक निगम की ओर से उन तालाबों का चयन तक नहीं हो सका है, जिन्हें योजना में शामिल करना है। यह हाल तब है, जबकि वर्ष 2020 खत्म होने में अब केवल पांच महीना शेष है। 20-20 योजना के तहत वर्ष 2020 के भीतर ही यह कार्य किया जाना था। गौरतलब है कि यह योजना पूर्व कलेक्टर केवीएस चौधरी व पूर्व आयुक्त शिवेंद्र सिंह की ओर से संयुक्त रूप से तैयार की गई थी।
तालाब की स्थिति देख कलेक्टर ने जताई नाराजगी
नगर निगम परिसर व कलेक्ट्रेट के ठीक बीच स्थित तालाब की दुर्दशा को देख कलेक्टर राजीव रंजन मीना ने भी नाराजगी जाहिर की है। अभी हाल ही में भ्रमण पर निकले कलेक्टर ने कहा कि मुख्य मार्ग के ठीक बगल स्थित तालाब की यह दशा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने नगर निगम अधिकारियों को तालाब का सौंदर्यीकरण करने को कहा है। अब देखना यह है कि यह कार्य कब तक शुरू हो पाता है।
नगर निगम परिसर व कलेक्ट्रेट के ठीक बीच स्थित तालाब की दुर्दशा को देख कलेक्टर राजीव रंजन मीना ने भी नाराजगी जाहिर की है। अभी हाल ही में भ्रमण पर निकले कलेक्टर ने कहा कि मुख्य मार्ग के ठीक बगल स्थित तालाब की यह दशा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने नगर निगम अधिकारियों को तालाब का सौंदर्यीकरण करने को कहा है। अब देखना यह है कि यह कार्य कब तक शुरू हो पाता है।
‘सिर मुड़ाते ही ओले पड़े, वाली कहावत चरितार्थ
वर्ष की शुरुआत में बनाई गई 20-20 योजना के मामले में ‘सिर मुड़ाते ही ओले पड़े, वाली कहावत एकदम सटीक बैठती है। योजना बनाने वाले तत्कालीन कलेक्टर व निगम आयुक्त के जाते ही जिम्मेदार अधिकारी योजना को लेकर और सुस्त हो गए। जबकि योजना बनने पर इसका हर मंच से खूब प्रचार-प्रसार हुआ था और वर्ष 2020 में शहर की सूरत बदलने की बात कही गई थी।
वर्ष की शुरुआत में बनाई गई 20-20 योजना के मामले में ‘सिर मुड़ाते ही ओले पड़े, वाली कहावत एकदम सटीक बैठती है। योजना बनाने वाले तत्कालीन कलेक्टर व निगम आयुक्त के जाते ही जिम्मेदार अधिकारी योजना को लेकर और सुस्त हो गए। जबकि योजना बनने पर इसका हर मंच से खूब प्रचार-प्रसार हुआ था और वर्ष 2020 में शहर की सूरत बदलने की बात कही गई थी।