श्रम कानून में बदलाव के विरोध में श्रमिकों ने बैठक की। इसमें उन्होंने हड़ताल का ऐलान किया। कहा कि इस मनमाने बदलाव के जरिए श्रमिक शोषण की छूट दिए जाने के खिलाफ श्रमिक एक दिन की देशव्यापी हड़ताल करेंगे। श्रम संगठनों के आह्वान पर यह हड़ताल 3 जुलाई को होगी। इसके तहत इस दिन देश भर में औद्योगिक इकाइयों में श्रमिक काम नहीं करेंगे। श्रम संगठनों के आह्वान पर इस हड़ताल में सिंगरौली जिले की सभी इकाइयों के श्रमिक भी शामिल होंगे। हड़ताल के दौरान श्रमिकों की ओर से इस दिन श्रम कानून में बदलाव वापस लेने तथा अन्य मांगों के समर्थन में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। श्रम संगठनों ने हड़ताल को लेकर तैयारी शुरू भी कर दी है।
श्रमिक नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से कुछ समय पहले श्रम कानून में बदलाव तथा इसके प्रावधानों को कथित तौर पर प्रबंधन के हित में करने के खिलाफ सिंगरौली में भी श्रमिकों में रोष है। इस बदलाव के खिलाफ तथा कई अन्य मांगों को लेकर सिंगरौली में भी श्रमिकों की ओर से 3 जुलाई को व्यापक हड़ताल होगी।
केंद्रीय आह्वान के बाद स्थानीय ऊर्जांचल कामगार श्रमिक एवं विस्थापित श्रमिक यूनियन ने भी हड़ताल की तैयारी शुरू कर दी है। यूनियन अध्यक्ष संजय नामदेव व अन्य ने बताया कि हड़ताल की सफलता के लिए गुरुवार से सभी इकाइयों के श्रमिकों व यूनियन प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें हड़ताल को लेकर विचार-विमर्श होगा। श्रमिक नेताओं ने बताया कि औद्योगिक इकाइयों के समक्ष भी बैठक कर श्रमिकों को श्रम कानून में बदलाव से होने वाले नुकसान से अवगत कराया जाएगा।
यूनियन के अनुसार श्रम संगठनों की ओर से हड़ताल के दौरान कोयला खनन क्षेत्र में निजी इकाइयों को अनुमति व कोयला क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों को सभी लाभ दिलाए जाने की मांग पर इस दिन ज्ञापन भी दिया जाएगा। इसके साथ ही श्रमिकों की ओर से स्थानीय स्तर पर सभी इकाइयों के समक्ष प्रदर्शन कर श्रमिक हितों की अनदेखी के खिलाफ रोष जताया जाएगा। श्रमिक नेता संजय नामदेव ने बताया कि हड़ताल की सफलता के लिए दूसरे श्रमिक संगठनों के साथ भी जल्द बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें हड़ताल के संबंध में रणनीति तय की जाएगी।
अब हड़ताल के कारण इस दिन अधिकतर श्रम संगठनों से जुड़े श्रमिक काम पर नहीं जाएंगे। इससे एनसीएल सहित अन्य सभी बड़ी व छोटी औद्योगिक इकाइयों में तीन जुलाई को कामकाज प्रभावित होने की आशंका है।