बताते चलें कि पिछले साल एनसीएल की निदेशक (कार्मिक) शांतिलता साहू की पहल के बाद फोर्स की तैनाती को लेकर ज्वाइंट सर्वे किया गया था। सर्वे के बाद रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी गई। इसी बीच एनसीएल बोर्ड की बैठक में फोर्स की तैनाती को मंजूरी दी गई। इसके बाद गृह मंत्रालय से मिले निर्देश पर केंद्रीय खुफिया एजेंसी के लोगों ने स्थलीय निरीक्षण कर फाइनल सर्वे किया था।
गौरतलब है कि करीब दो साल पहले एनसीएल की अमलोरी परियोजना में सीआईएसएफ की तैनाती हुई थी। मौजूदा वक्त में अमलोरी परियोजना में 328 सीआईएसएफ के जवान तैनात हैं। इन जवानों की तैनाती से चोरी पर अंकुश लगा है। इसी को देखते हुए एनसीएल प्रबंधन ने अपनी सभी परियोजनाओं में सीआइएसएफ की तैनाती करने की योजना तय की थी।
एनसीएल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार, सीआईएसफ ने इन पांच परियोजनाओं के लिए 2241 जवानों की तैनाती की बात कही थी। मगर, एनसीएल प्रबंधन ने 2081 जवानों की तैनाती की प्रशासनिक स्वीकृति दिया। इन खदानों की सुरक्षा करेगी सीआईएसएफ-दुधिचुआ, ककरी, खडिय़ा, कृष्णशिला, बीना, जयंत, निगाही, झिंगुरदहा, गोरबी ब्लाक बी।
सीरज सिंह, पीआरओ एनसीएल