सीएमडी की मुख्यमंत्री से इस बात के मद्देनजर यहां हवाई अड्डा को लेकर फिर से जांच पड़ताल शुरू हो गई है। जिले में हवाई अड्डा बनाने का मामला तब से ठंडे बस्ते में है, जबसे पूर्व में तैयार प्रस्ताव को हवाई पट्टी बनाने तक सीमित कर दिया गया था। पूर्व में किए गए आकलन के मुताबिक सिंगरौलिया में हवाई अड्डा बनाने के लिए न केवल 150 करोड़ से अधिक अतिरिक्त बजट की जरूरत पड़ेगी। बल्कि इसके लिए लंबी चौड़ी कवायद भी करना होगा।
हवाई अड्डा बनने की राह में सबसे बड़ी समस्या सिंगरौलिया में चिह्नित क्षेत्र में पॉवर ग्रिड कारपोरेशन के 15 बड़े टॉवर हैं। अधिकारियों की माने तो विमानन विभाग की अनुमति प्राप्त करने के लिए सबसे पहले इन बड़े 15 बिजली के टॉवर को हटाना होगा। इसके अलावा किसानों से भूमि अधिग्रहण की कवायद भी पूरी करना होगा।
टॉवर शिफ्ट करने में 90 से 125 करोड़ तक खर्च
पूर्व में कराए गए सर्वे के मुताबिक हवाई अड्डा के लिए चिह्नित क्षेत्र में स्थिति बिजली के 15 बड़े टॉवर हटाने के लिए 90 से 125 करोड़ रुपए तक का खर्च आएगा। टॉवर को शिफ्ट करने के लिए रूट पर आधारित तीन विकल्प सुझाए गए हैं। तीनों विकल्प 90 करोड़, 110 व 125 करोड़ रुपए खर्च वाले हैं। तीनों में से प्रशासन को सुविधा के अनुसार एक विकल्प चुनना होगा।
पूर्व में कराए गए सर्वे के मुताबिक हवाई अड्डा के लिए चिह्नित क्षेत्र में स्थिति बिजली के 15 बड़े टॉवर हटाने के लिए 90 से 125 करोड़ रुपए तक का खर्च आएगा। टॉवर को शिफ्ट करने के लिए रूट पर आधारित तीन विकल्प सुझाए गए हैं। तीनों विकल्प 90 करोड़, 110 व 125 करोड़ रुपए खर्च वाले हैं। तीनों में से प्रशासन को सुविधा के अनुसार एक विकल्प चुनना होगा।
20 एकड़ भूमि का करना होगा अधिग्रहण
अधिकारियों के मुताबिक हवाई अड्डा के लिए 100 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। वर्तमान में हवाई पट्टी के लिए 80 एकड़ जमीन उपलब्ध है। 20 एकड़ जमीन आस-पास के किसानों से अधिगृहित करना होगा। विमानन विभाग से यात्री विमान के परिवहन के मद्देनजर अनुमति के लिए डेढ़ से 2 किलोमीटर ऊंचाई तक और रनवे के लिए पर्याप्त स्थान की आवश्यकता होती है।
अधिकारियों के मुताबिक हवाई अड्डा के लिए 100 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। वर्तमान में हवाई पट्टी के लिए 80 एकड़ जमीन उपलब्ध है। 20 एकड़ जमीन आस-पास के किसानों से अधिगृहित करना होगा। विमानन विभाग से यात्री विमान के परिवहन के मद्देनजर अनुमति के लिए डेढ़ से 2 किलोमीटर ऊंचाई तक और रनवे के लिए पर्याप्त स्थान की आवश्यकता होती है।
इससे पहले म्योरपुर में तैयार हो जाएगा
फिलहाल सिंगरौलिया से पहले पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में हवाई अड्डा तैयार हो जाएगा। जिले के म्योरपुर में हवाई पट्टी उपलब्ध है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे हवाई अड्डा के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया है। इसको लेकर वहां कार्य भी शुरू हो गया है। यह हवाई अड्डा यहां सिंगरौली वालों के लिए भी राहत भरा साबित होगा। क्योंकि अभी वाराणसी तक जाना पड़ता है।
फिलहाल सिंगरौलिया से पहले पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में हवाई अड्डा तैयार हो जाएगा। जिले के म्योरपुर में हवाई पट्टी उपलब्ध है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे हवाई अड्डा के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया है। इसको लेकर वहां कार्य भी शुरू हो गया है। यह हवाई अड्डा यहां सिंगरौली वालों के लिए भी राहत भरा साबित होगा। क्योंकि अभी वाराणसी तक जाना पड़ता है।
सिंगरौली में बन रही है हवाई पट्टी
जिले में वर्तमान में हवाई पट्टी का निर्माण कार्य जारी है। 35.30 करोड़ रुपए की लागत से 80 एकड़ जमीन की बाउंड्रीवाल, दो हेलीपैड, एक हेंगर, प्रशासकीय भवन, स्टॉफ क्वार्टर व बिजली लाइन शिफ्टिंग का कार्य किया जाना है। इसके लिए एनसीएल से 17.30 करोड़ रुपए और एपीएमडीसी से 1.25 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता मिली है। बाकी की रकम डीएमएफ से खर्च की जा रही है।
जिले में वर्तमान में हवाई पट्टी का निर्माण कार्य जारी है। 35.30 करोड़ रुपए की लागत से 80 एकड़ जमीन की बाउंड्रीवाल, दो हेलीपैड, एक हेंगर, प्रशासकीय भवन, स्टॉफ क्वार्टर व बिजली लाइन शिफ्टिंग का कार्य किया जाना है। इसके लिए एनसीएल से 17.30 करोड़ रुपए और एपीएमडीसी से 1.25 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता मिली है। बाकी की रकम डीएमएफ से खर्च की जा रही है।