सीसीएल को छोड़कर बाकी की कंपनियां उत्पादन के मामले में पिछले वर्ष की तुलना में पीछे हैं। सीसीएल ने कोल उत्पादन में 1.5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है। गौरतलब है कि सीआइएल प्रत्येक तीन महीने बाद सभी कंपनियों के उत्पादन व प्रेषण की रिपोर्ट जारी करता है। वित्तीय वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही बीतने के बाद सीआइएल की ओर से सभी कोयला कंपनियों की रिपोर्ट जारी की गई है।
जारी रिपोर्ट के मुताबिक पहला स्थान बनाने वाली एमसीएल ने पिछले वर्ष इस समयांतराल में 89.2 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया था। इस वर्ष 14.2 प्रतिशत बढ़ोत्तरी के साथ कोयले का उत्पादन 101.9 मिलियन टन है। दूसरे स्थान की एनसीएल ने पिछले वर्ष इस समयांतराल में 79.6 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया था। इस बार उत्पादन 5.8 प्रतिशत बढ़ोत्तरी के साथ 74.2 मिलियन टन पहुंच गया है। तीसरे स्थान की कोयला कंपनी सीसीएल ने पिछले वर्ष की तुलना में 1.5 प्रतिशत अधिक कोयला उत्पादन किया है। पिछले वर्ष इस कंपनी का कोयला उत्पादन 39.2 मिलियन टन था, जबकि इस वर्ष कोयला उत्पादन 39.8 मिलियन टन है।
डब्ल्यूसीएल का प्रदर्शन सबसे खराब
सीआइएल की रिपोर्ट के मुताबिक कोयला उत्पादन में सबसे खराब प्रदर्शन डब्ल्यूसीएल का है। इस कंपनी ने पिछले वर्ष की तुलना में अब की बार 13.4 प्रतिशत कम उत्पादन किया है। इसीएल का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 9.8 प्रतिशत कम है। बीसीसीएल का उत्पादन 6.1 प्रतिशत और एसइसीएल का कोयला उत्पादन 4.7 प्रतिशत कम है। कम उत्पादन के पीछे कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन सहित अन्य कारण माना जा रहा है।
सीआइएल की रिपोर्ट के मुताबिक कोयला उत्पादन में सबसे खराब प्रदर्शन डब्ल्यूसीएल का है। इस कंपनी ने पिछले वर्ष की तुलना में अब की बार 13.4 प्रतिशत कम उत्पादन किया है। इसीएल का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 9.8 प्रतिशत कम है। बीसीसीएल का उत्पादन 6.1 प्रतिशत और एसइसीएल का कोयला उत्पादन 4.7 प्रतिशत कम है। कम उत्पादन के पीछे कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन सहित अन्य कारण माना जा रहा है।
कोयला प्रेषण में केवल एमसीएल आगे
कोयला उत्पादन की तरह प्रेषण (डिस्पैच) में भी एनसीएल दूसरे स्थान पर है। यह बात है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार कोयले का प्रेषण कम रहा है। केवल एमसीएल एक ऐसी कंपनी है, जिसने पिछले वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक कोयले का प्रेषण किया है। पिछले वर्ष की तुलना में दिसंबर तक एनसीएल ने 0.3 प्रतिशत, बीसीसीएल ने 18.7 प्रतिशत, इसीएल ने 14.5 प्रतिशत, डब्ल्यूसीएल ने 10 प्रतिशत, सीसीएल ने 8.2 प्रतिशत व एसइसीएल ने 2.9 प्रतिशत कम कोयला डिस्पैच किया है।
कोयला उत्पादन की तरह प्रेषण (डिस्पैच) में भी एनसीएल दूसरे स्थान पर है। यह बात है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार कोयले का प्रेषण कम रहा है। केवल एमसीएल एक ऐसी कंपनी है, जिसने पिछले वर्ष की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक कोयले का प्रेषण किया है। पिछले वर्ष की तुलना में दिसंबर तक एनसीएल ने 0.3 प्रतिशत, बीसीसीएल ने 18.7 प्रतिशत, इसीएल ने 14.5 प्रतिशत, डब्ल्यूसीएल ने 10 प्रतिशत, सीसीएल ने 8.2 प्रतिशत व एसइसीएल ने 2.9 प्रतिशत कम कोयला डिस्पैच किया है।