पूरी संभावना है कि रेलवे की मदद से जल्द ही निर्देशों के अनुरूप आपूर्ति और अधिक कर दी जाएगी। एनसीएल द्वारा पिछले कई महीनों से उत्पादन की तुलना में अधिक कोयला की आपूर्ति की जा रही है। इसकी वजह कंपनी के पास उपलब्ध पर्याप्त स्टॉक है। इतना ही नहीं अभी भी कंपनी के पास ५.९ मिलियन टन स्टॉक शेष है।
वित्तीय वर्ष की शुरुआत में यह स्टॉक 10 मिलियन टन था। उपलब्ध स्टॉक से अगले तीन से चार महीने तक कोयला आपूर्ति पूर्व की तुलना में और अधिक मात्रा में किया जा सकता है। जरूरत है तो केवल रेलवे से मदद मिलने की। क्योंकि कोयला आपूर्ति में बढ़ोत्तरी रेलवे रेक के जरिए ही की जानी है। राहत भरी खबर यह है कि रेलवे में रेक बढ़ोत्तरी की हरीझंडी दी है।
कंपनी के सूत्रों की माने तो एनसीएल के दौरे पर आए केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी व रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ वर्चुअल मीटिंग हुई। इस दौरान रेलवे मंत्री ने कोयला आपूर्ति में हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। गौरतलब है कि इसी आश्वासन के दम पर एनसीएल को हर रोज कोयला आपूर्ति ३० रेक से बढ़ाकर ३५ रेक करने की बात कही गई है। एनसीएल अधिकारियों ने इस पर कसरत शुरू कर दी है।
स्टॉक न्यूनतम करना है लक्ष्य
एनसीएल अधिकारियों के मुताबिक कोयला आपूर्ति के बावत रेक में बढ़ोत्तरी का मौका मिला तो उनकी कोशिश स्टॉक को न्यूनतम करने की कोशिश होगी। कंपनी में कोयला का स्टॉक पूर्व में आपूर्ति के बावत संसाधनों की कमी के चलते बना है। हालांकि इस मामले में कोई भी अधिकारी बहुत अधिक बोलने को तैयार नहीं है। कहना है कि कोयला का स्टॉक कई स्थानीय कारणों से बढ़ जाता है।
एनसीएल अधिकारियों के मुताबिक कोयला आपूर्ति के बावत रेक में बढ़ोत्तरी का मौका मिला तो उनकी कोशिश स्टॉक को न्यूनतम करने की कोशिश होगी। कंपनी में कोयला का स्टॉक पूर्व में आपूर्ति के बावत संसाधनों की कमी के चलते बना है। हालांकि इस मामले में कोई भी अधिकारी बहुत अधिक बोलने को तैयार नहीं है। कहना है कि कोयला का स्टॉक कई स्थानीय कारणों से बढ़ जाता है।
रेलवे लाइन के दोहरीकरण की जरूरत
कोयला आपूर्ति में तेजी लाने के लिए रेलवे लाइन के दोहरीकरण को जल्द से जल्द पूरा करना होगा। क्योंकि दोहरीकरण पूरा नहीं होने के चलते कोयला रेक बढ़ाने पर दूसरी यात्री ट्रेनों को प्रभावित करना पड़ेगा। फिलहाल रेलवे की ओर से जल्द से जल्द व्यवस्था बनाने की बात मंगलवार को वर्चुअल मीटिंग में कही गई है।
कोयला आपूर्ति में तेजी लाने के लिए रेलवे लाइन के दोहरीकरण को जल्द से जल्द पूरा करना होगा। क्योंकि दोहरीकरण पूरा नहीं होने के चलते कोयला रेक बढ़ाने पर दूसरी यात्री ट्रेनों को प्रभावित करना पड़ेगा। फिलहाल रेलवे की ओर से जल्द से जल्द व्यवस्था बनाने की बात मंगलवार को वर्चुअल मीटिंग में कही गई है।