एनसीएल जोन के महामंत्री बीके पटेल ने धरना प्रदर्शन के दौरान कहा कि प्रबंधन को कई बार पत्र के माध्यम से अनुरोध किया गया, लेकिन प्रबंधन ने कर्मचारियों को लाभांश देने के लिए हामी नहीं भरी और न ही किसी प्रकार से सकारात्मक रवैया दिखाया।
इसी के चलते संगठन को मजबूर होकर मुख्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन करना पड़ा। कहा कि एसोसिएशन हमेशा अपने सदस्यों व एनसीएल कर्मचारियों के हितों के लिए हमेशा से लड़ता आया है। इसलिए संगठन का कर्तव्य है कि वह एक प्रतिशत वार्षिक लाभांश जैसे मुद्दे पर कर्मचारियों को उनका हक दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करे।
संगठन अपने कर्तव्यों का निवर्हन कर भी रहा है। धरना एवं प्रदर्शन में कोरोना संक्रमण से सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए संगठन ने पूरी तरह एतिहात के साथ अपनी बात रखी और रोष जाहिर किया। कर्मचारियों ने कहा कि कंपनी 11.62 मिलियन टन से सफर शुरू कर 108 मिलियन टन तक का सफर तय किया।
मुनाफा 100 करोड़ से बढ़ते हुए 6985 करोड़ पहुंच गया। इन सबके बावजूद वर्षों से मिल रहे लाभांश के पारितोषिक अध्याय को बंद कर दिया गया। इससे श्रमिकों में घोर निराशा हुई। संगठन पदाधिकारियों ने वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए लाभांश देने की मांग की गई और ज्ञापन सौंपा गया।