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सिंगरौली में संबल योजना में लापरवाही: महिलाओं को नहीं मिल रही सहायता राशि

locationसिंगरौलीPublished: Sep 19, 2018 02:20:49 am

Submitted by:

Anil singh kushwah

कलेक्टर ने जताई नाराजगी, प्रसूति सहायता वितरण को मिला एक सप्ताह

negligence in sambal yojna in Singrauli, Women is not subsidy money.

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सिंगरौली. मुख्यमंत्री संबल योजना में प्रसूति सहायता राशि वितरण की समीक्षा के लिए बैठक कलेक्टर अनुराग चौधरी की अध्यक्षता मेें हुई। इसमेंं पाया गया कि जिले में 9129 प्रसूता महिलाएं इस योजना में सहायता राशि पाने के लिए पात्र हैं मगर समीक्षा में पता चला कि इनमें से मात्र 1870 को ही सहायता मिलने की सूचना पोर्टल दिखा रहा है। इसे कलेक्टर ने खेदजनक माना तथा इस स्थिति को सुधारने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को चेतावनी दी। कलेक्टर ने एक सप्ताह में इन पात्र महिलाओं को सहायता राशि का वितरण नहीं होने पर संबंधित ब्लाक के बीएमओ सहित भुगतान कार्य में तैनात सभी अधिकारी-कर्मचारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।
पात्र लोगों को जल्द मिलेगी सहायता राशि
बैठक में कलेक्टर ने सहायता राशि का वितरण नहीं होने से गलत संदेश जाने की बात भी कही तथा इसे लेकर रवैये में सुधार पर जोर दिया। बैठक में खुटार के बीएमओ ने बताया कि कुछ प्रसूति की सहायता राशि का भुगतान संबंधित महिला का समग्र आईडी व संबल योजना का पंजीयन प्राप्त नहीं होने के कारण नहीं हो सका। इस पर कलेक्टर ने महिला बाल विकास अधिकारी को हर ब्लाक के सुपरवाइजरों को प्रसूता महिलाओं का समग्र आईडी अनिवार्य रूप से जमा करने के लिए पाबंद करने का निर्देश दिया।
कलेक्टर ने बीएमओ को दिया निर्देश
कलेक्टर चौधरी ने कहा कि इस योजना का लाभ प्रसूता महिलाओं को सुगमता के साथ व समय पर मिलना चाहिए। इसके लिए सभी बीएमओ को छठे माह ही गर्भवती महिला को उसका योजना के लिए पंजीयन होने का प्रमाण पत्र देने का निर्देश दिया। इसके तहत समय पर सहायता राशि वितरण के लिए उसका समग्र आईडी आधार कार्ड व बैंक पास बुक की छाया प्रति चिकित्सालय में जमा की जाए ताकि डिलीवरी के बाद उसे तत्परता से सहायता राशि जारी की जा सके।
ग्रामीण क्षेत्रों में एएनएम की कमी
इसके साथ ही बीएमओ को अपने क्षेत्र में एक डिलीवरी प्वाइंट को माडल के रूप में विकसित करने और वहां एसी सुविधा स्थापित करने का निर्देश भी दिया गया ताकि उसे आदर्श डिलीवरी प्वाइंट के रूप में उपयोग किया जा सके। बीएमओ की ओर से अवगत कराया गया कि कई ग्रामीण क्षेत्रों में डिलीवरी प्वाइंट है पर वहां एएनएम या वर्कर की कमी है। इस कारण वहां डिलीवरी कराने में कठिनाई होती है। इस पर प्रशिक्षित एएनएम को वहां कलेक्टर कार्यालय से अनुमोदित दर पर रखने का निर्देश दिया गया। बैठक में पेयजल व बिजली विहीन डिलीवरी प्वाइंट पर हैंडपम्प खनन कराने व सोलर लाइट से विद्युत कनेक्शन करने का निर्णय किया गया।
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