इसके बाद रामप्रसाद अपने बेटे का बिना इलाज कराए घर वापस लौट जाता है। अब स्थिति यह है कि जिला अस्पताल में मनोरोग का इलाज कराने आ रहे मरीजों को परेशानियों के दौर से गुजरना पड़ रहा है क्योंकि उन्हें यह पता नहीं है कि इकलौता मनोरोग चिकित्सक को जिला अस्पताल से हटाकर माड़ा भेज दिया गया है। एनसीएल व एनटीपीसी के अस्पताल में भी मनोरोग के इलाज का कोई इंतजाम नहीं होने के कारण जिलेभर से मरीज जिला अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचते हैं।
हर रोज पहुंच रहे दर्जनभर मरीज
जानकारी के लिए बता दें कि जिले के दूरदराज ग्रामीण अंचल से मनोरोग का इलाज कराने के लिए हर रोज दर्जनभर मरीज जिला अस्पताल में पहुंच रहे हैं लेकिन लंबी दूरी का सफर तय करने के बाद भी ग्रामीण मरीजों को इलाज मुहैया नहीं हो पा रही है क्योंकि मनोरोग चिकित्सक को जिला अस्पताल से हटाकर माड़ा स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ कर दिया गया है। अब स्थिति यह है कि दिमागी हालत से परेशान मरीज जिला अस्पताल में आकर चक्कर लगा रहे हैं इस गंभीर समस्या को लेकर प्रबंधन भी अनजान बनकर बैठा है।
जानकारी के लिए बता दें कि जिले के दूरदराज ग्रामीण अंचल से मनोरोग का इलाज कराने के लिए हर रोज दर्जनभर मरीज जिला अस्पताल में पहुंच रहे हैं लेकिन लंबी दूरी का सफर तय करने के बाद भी ग्रामीण मरीजों को इलाज मुहैया नहीं हो पा रही है क्योंकि मनोरोग चिकित्सक को जिला अस्पताल से हटाकर माड़ा स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ कर दिया गया है। अब स्थिति यह है कि दिमागी हालत से परेशान मरीज जिला अस्पताल में आकर चक्कर लगा रहे हैं इस गंभीर समस्या को लेकर प्रबंधन भी अनजान बनकर बैठा है।
भूलकर भी अस्पताल ना आए मनोरोगी
मनोरोग से जूझ रहे लोगों को यह मालूम होना चाहिए कि अब जिला अस्पताल में इलाज की दरकार है। इसलिए दिमागी हालत से जूझ रहे मरीज भूलकर भी जिला अस्पताल में इलाज के लिए ना आए क्योंकि यदि इलाज के लिए आए तो निराश होकर बिना इलाज कराए घर वापस लौटना पड़ेगा। इस गंभीर समस्या की ओर जिला प्रशासन की नजरें इनायत नहीं हो रही हैं। इसका खामियाजा गांव की गरीब जनता को भुगतना पड़ रहा है ।
मनोरोग से जूझ रहे लोगों को यह मालूम होना चाहिए कि अब जिला अस्पताल में इलाज की दरकार है। इसलिए दिमागी हालत से जूझ रहे मरीज भूलकर भी जिला अस्पताल में इलाज के लिए ना आए क्योंकि यदि इलाज के लिए आए तो निराश होकर बिना इलाज कराए घर वापस लौटना पड़ेगा। इस गंभीर समस्या की ओर जिला प्रशासन की नजरें इनायत नहीं हो रही हैं। इसका खामियाजा गांव की गरीब जनता को भुगतना पड़ रहा है ।
ऐसे पहुंच रहे मनोरोगी शनिवार – 04
रविवार – 03
सोमवार – 02
मंगलवार – 02
बुधवार – 04 वर्जन:
मनोरोग से जूझ रहे रोगी जो इलाज करने की हालत में हैं। उन्हें जिला अस्पताल में इलाज की व्यवस्था है। यहां मनोरोग चिकित्सक डॉ आशीष पांडे पदस्थ हैं ऐसे रोगियों का उनसे इलाज कराया जाएगा।
डॉ. आरपी पटेल, सीएमएचओ