प्राध्यापकों की कमी
शासकीय कॉलेज में प्राचार्य के साथ ही प्राध्यापकों की कमी है। शासकीय कॉलेजों का ये हाल है कि ये अतिथि प्राध्यापकों के भरोसे चल रहे हैं। एक ओर कॉलेज खोलने की कबायत शुरू हो चुकी है। छात्रों को प्रवेश दिया जा रहा है लेकिन इन छात्रों को पढ़ाएगा कौन यह कोई बताने वाला नही है। हाल ही 12 प्राध्यापकों की नियुक्ति होने के बावजूद शासकीय कॉलेज रजमिलान, शासकीय कॉलेज सरई व शासकीय कॉलेज चितरंगी में केवल एक-एक नियमित प्राध्यापक हैं। जानकारी के अनुसार माड़ा कॉलेज में नौ में से 6 पद खाली हैं।
कॉलेज के पास अपना भवन तक नहीं है। ऐसे में प्राइमरी स्कूलों की तर्ज पर दो-चार कमरे किराये पर लेकर कॉलेज चलाए जा रहे हैं। यहां न प्रयोगशाला है न पुस्तकालय। खेल मैदान का तो सवाल ही पैदा नहीं होता। शासकीय कॉलेज बरगवां किराए के भवन में चल रहा है, जबकि माड़ा व रजमिलान के शासकीय स्कूल व वेटनरी के भवन में।