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सिंगरौली

कर्जमाफी में सरकारी कर्मचारी, शिक्षक व परलोकवासी भी शामिल

समिति स्तर से करवा रहे पड़ताल

सिंगरौलीFeb 14, 2019 / 05:59 pm

Anil kumar

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सिंगरौली. सहकारी व अन्य व्यापारिक बैंकों का किसान पर दो लाख रुपए तक के अल्प कालीन ऋण माफी को लेकर लगभग तीन हजार किसानोंं की कर्ज माफी मेें नया पेंच आ गया है। इन तीन हजार कर्जदारों मेें अधिकतर सरकारी कर्मचारी हैं या शिक्षक हैं। इस कारण इन सबके कर्जमाफी के दायरे से बाहर हो जाने के आसार दिखाई दे रहे हैं।मगर इससे पहले नियमानुसार इन सबका परीक्षण कराया जाना जरूरी है। अब बैंकों को इसी मशक्कत से जूझना है तो सहकारिता विभाग को ऐसे लोगों की पहचान करने की चुनौती का सामना करना है। इस प्रकार कर्ज माफी का मामला दिनों-दिन नई उलझ रहा है।
उल्लेखनीय है कि राज्य में कांगे्रस सरकार ने १५ जनवरी को किसानों का दो लाख रुपए तक का अल्पकालीन फसली कर्ज माफ करने की घोषणा की। इसके तहत ही पांच फरवरी तक सहकारी बैंक की ओर से ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत, राजस्व व सहकारिता विभाग अमले ने भाग दौड़ कर बैंकों की ओर से जारी की गई कर्ज वाली सूची के अनुसार किसानों से कर्ज माफी के लिए आवेदन भरवाए। इसके लिए पूरे २०-२५ दिन लंबी भागदौड़ चली तथा किसानों को जल्द दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ होने की उम्मीद जगी। सहकारी व अन्य बैंकों की ओर से प्रशासन को उपलब्ध करवाई गई सूची के अनुसार इस जिले में १९ हजार से अधिक लोग उनके अल्प कालीन फसली कर्ज श्रेणी के कर्जदार हैं। इसके आधार पर ही जिले मेें अधिकाधिक किसानों से आवेदन भरवाने की कसरत हुई।
मगर जिला प्रशासन को बैंकों की ओर से प्रशासन को उपलब्ध करवाई गई कर्जदार किसानों की सूची को लेकर अब नित नए पेंच उभर रहे हैं। नया मामला सरकारी कर्मचारियों को लेकर है। बताया गया कि जिले मेें काफी संख्या मेें सरकारी कर्मचारी भी कृषि भूमि के मालिक हैं और राजस्व रिकार्ड में भी उनका नाम खातेदार के तौर पर दर्ज हैं। इनमें अधिकतर को शिक्षक बताया गया। ऐसे कृषि भूमि कर्मचारियों ने भी सहकारी तथा अन्य बैंकों से कर्ज ले रखा है। मगर कर्ज माफी नीति के अनुसार सरकारी कर्मचारियों को कर्जमाफी का लाभ नहीं मिलना है। अब ऐसे कर्मचारियों की पहचान कर उनको कर्जमाफी सूची से बाहर करने का जिम्मा सहकारिता विभाग को दिया गया है।
अब छंटनी की चुनौती
अब सहकारिता विभाग के लिए नई चुनौती आ गई है। उनको पहले कर्ज माफी के लिए भरे गए आवेदनों को सरकार के पोर्टल पर लोड करने के लिए जूझना पड़ा पर यह प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई। अब कर्ज माफी के लिए आवेदन करने वाले लोगों में से उनकी पहचान करनी है जो इसके पात्र नहीं हैं। इसलिए अब सहकारिता विभाग ने जिले में लगभग तीन हजार कर्जदार सरकारी कर्मचारियों की पहचान करने और शासन की गाइड लाइन के अनुसार उनको सूची से बाहर करने के लिए प्रक्रिया शुरू की है। कर्जदार सरकारी कर्मचारियों के संबंध में सूचना देने के लिए सहकारिता विभाग की ओर से सभी ग्राम सहकारी समितियों को लिखा गया है। विभाग को इसकी पड़ताल कर सत्यापन करना होगा। बाद में इसी विवरण के आधार पर बैंक की ओर से कर्जदार सूची में शामिल सरकारी कर्मचारियों को चिन्हित किया जाएगा तथा इसके बाद शासन के निर्देशानुसार प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
ग्राम समितियों से मांगी सूचना
सहायक आयुक्त सहकारिता विभाग पीके मिश्रा ने बताया कि शासन से बैंकों की कर्जदार सूची मेंं दर्शाए गए लगभग तीन हजार लोगों की पहचान व उनको चिन्हित करने के लिए निर्देश मिला है। इनमें सरकारी कर्मचारी, मृतक या अन्यत्र चले गए लोग शामिल हैं। इनके संबंध में सूचित करने के लिए सभी ग्राम सहकारी समितियों को निर्देशित किया है। इनकी पहचान के बाद विभाग व प्रशासन की ओर से आगामी कार्रवाई की जाएगी।

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