जिले में खरीफ व रबी सीजन में लगभग पांच हजार टन यूरिया व डीएपी की खपत होती है। इतनी बड़ी मात्रा में रासायनिक खाद जुटाना मुश्किल होता था। जिले में एनएफएल की ओर से रेल के जरिए इनकी आपूर्ति के लिए रैक प्वाइंट मंजूर नहीं था। इस कारण जिले को सतना या रीवा से सडक़ मार्ग से यूरिया व डीएपी की आपूर्ति की जाती थी मगर सडक़ों की खराब हालत के कारण ट्रांसपोर्टर सतना या रीवा से यहां तक खाद परिवहन नहीं करते थे। इस कारण हर सीजन में जिले को मांग के मुकाबले कम मात्रा में यूरिया व डीएपी की आपूर्ति मिल पाती थी। इस हालत मेंं सीजन में यूरिया व डीएपी के संकट का डर बना रहता है। संकट होने पर किसानों का रोष भडक़ने से इनकार नहीं किया जा सकता।
इस समस्या से छुटकारे का उपाय जिले को एनएफएल से यूरिया व डीएपी की रेल मार्ग से सीधी आपूर्ति ही है। इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से एनएफएल से लगातार पत्राचार किया गया। इसके नतीजे में अब एनएफएल ने जिले के बरगवां स्टेशन पर अपना रैक प्वाइंट मंजूर कर हमारे लिए यूरिया व डीएपी आपूर्ति के रास्ते का बैरियर हटा दिया है। सतना स्थित एनएफएल के क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से इस आशय की सूचना दी गई है। अब एनएफएल की ओर से यूपी स्थित अपने कारखाने से जिले को रेल मार्ग से बरगवां स्टेशन तक यूरिया व डीएपी पहुंचाई जाएगी। बताया गया कि इससे जिले को हर सीजन में मांग के अनुसार ही रासायनिक खाद उपलब्ध हो सकेगी।
19 को होगी टेंडर प्रक्रिया
एनएफएल के क्षेत्रीय कार्यालय के स्तर पर बरगवां स्टेशन के रैक प्वाइंट से सहकारिता विभाग के केन्द्रीय गोदाम व ग्राम सेवा समितियों तक रासायनिक खाद परिवहन के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। यह प्रक्रिया दो दिन बाद गुरुवार को सतना में पूरी होगी। इसके तहत एनएफएल की ओर से बरगवां स्टेशन से जिले के संबंधित स्थानों तक सडक़ मार्ग से यूरिया व डीएपी के परिवहन का टेंडर किया जाएगा। इसके लिए एनएफएल ने ट्रांसपोर्टर से टेंडर मांगे हैं। माना जा रहा है कि इससे जिले में रबी या खरीफ किसी भी सीजन में यूरिया व डीएपी की कमी का खतरा टल जाएगा।
एनएफएल के क्षेत्रीय कार्यालय के स्तर पर बरगवां स्टेशन के रैक प्वाइंट से सहकारिता विभाग के केन्द्रीय गोदाम व ग्राम सेवा समितियों तक रासायनिक खाद परिवहन के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। यह प्रक्रिया दो दिन बाद गुरुवार को सतना में पूरी होगी। इसके तहत एनएफएल की ओर से बरगवां स्टेशन से जिले के संबंधित स्थानों तक सडक़ मार्ग से यूरिया व डीएपी के परिवहन का टेंडर किया जाएगा। इसके लिए एनएफएल ने ट्रांसपोर्टर से टेंडर मांगे हैं। माना जा रहा है कि इससे जिले में रबी या खरीफ किसी भी सीजन में यूरिया व डीएपी की कमी का खतरा टल जाएगा।