पहले एस्सार और फिर उसके बाद एनटीपीसी का ऐश डैम टूटने के बाद से ऐश डैम की मजबूती पर सवाल उठने लगे हैं। यही वजह है कि पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए यहां एनजीटी की ओर से गठित ओवर साइट कमेटी ने कंपनियों से ऐश डैम की मजबूती के मद्देनजर शपथ पत्र देने का कहा है। जिस पर कंपनियोंं ने गौर फरमाने की जरूरत नहीं समझी है।
कंपनियों के लिए बुरी खबर यह है कि ओवर साइट कमेटी के बाद अब खुद एनजीटी ने भी कंपनियों से शपथ पत्र जमा करने को कहा है। एनजीटी ने इसके अलावा उन सभी निर्देश का पालन करने को कहा है, जो ओवर साइट कमेटी की ओर से जारी किया गया है।
कमेटी के चेयरमैन व सेवानिवृत्त न्यायाधीश राजेश कुमार के मुताबिक एनजीटी के इस आदेश के अनुपालन में पूर्व में बैठकों के दौरान कंपनियों को दिए गए ज्यादातर निर्देशों का पालन करना होगा। पांच नवंबर को एनजीटी की ओर से इस आशय का न केवल आदेश जारी किया गया है। बल्कि आदेश का पालन किया जा रहा है या नहीं, इस पर गौर किए जाने को भी कहा गया है।
केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड करेगा जांच
एनजीटी की ओर से जारी इस आदेश के पालन के लिए अभी कंपनियों को कुछ दिन का मौका दिया जाएगा। माना जा रहा है कि इसके बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के माध्यम से इस आशय की जांच कराई जाएगी कि किन कंपनियों ने कौन-कौन से निर्देशों का पालन किया है और किन कंपनियों ने निर्देशों को नजर अंदाज किया है।
एनजीटी की ओर से जारी इस आदेश के पालन के लिए अभी कंपनियों को कुछ दिन का मौका दिया जाएगा। माना जा रहा है कि इसके बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के माध्यम से इस आशय की जांच कराई जाएगी कि किन कंपनियों ने कौन-कौन से निर्देशों का पालन किया है और किन कंपनियों ने निर्देशों को नजर अंदाज किया है।
कंपनियों को इन पर करना होगा गौर
– कंपनियों को ऐश डैम की मजबूती के लिए शपथ पत्र देना होगा।
– कोल परिवहन वाले वाहन को लोहे की शीट से ढकना होगा।
– नदियों में जहरीले पाने के जाने को हर हाल में रोकना होगा।
– डैम फूटने से हुए प्रभावित क्षेत्र व जलस्रोतों की सफाई कराना होगा।
– क्षतिपूर्ति के मद्देनजर आर्थिक जुर्माने की राशि जमा करना होगा।
– कंपनियों को ऐश डैम की मजबूती के लिए शपथ पत्र देना होगा।
– कोल परिवहन वाले वाहन को लोहे की शीट से ढकना होगा।
– नदियों में जहरीले पाने के जाने को हर हाल में रोकना होगा।
– डैम फूटने से हुए प्रभावित क्षेत्र व जलस्रोतों की सफाई कराना होगा।
– क्षतिपूर्ति के मद्देनजर आर्थिक जुर्माने की राशि जमा करना होगा।