scriptएनजीटी ने ओवर साइट कमेटी के चेयरमैन को दी जांच की जिम्मेदारी | NGT set up team to investigate Essar's ash dam breakdown in Singrauli | Patrika News

एनजीटी ने ओवर साइट कमेटी के चेयरमैन को दी जांच की जिम्मेदारी

locationसिंगरौलीPublished: Aug 21, 2019 12:33:03 pm

Submitted by:

Ajeet shukla

एस्सार पावर का ऐश डैम टूटने से हुई क्षति का मामला….

SDM report, Essar's ash dam in Singrauli broken due to negligence

SDM report, Essar’s ash dam in Singrauli broken due to negligence

सिंगरौली. एस्सार पावर का ऐश डैम टूटने से कर्सुआलाल व खैराही सहित आस-पास के दो अन्य गांवों में मची तबाही के मामले में एनजीटी ने ओवर साइट कमेटी के चेयरमैन व इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायामूर्ति राजेश कुमार को जांच की जिम्मेदारी दी है।
एनजीटी ने जांच करने का यह निर्देश इस मामले में अधिवक्ता अश्वनी दुबे की ओर से दायर की गई याचिका के मद्देनजर दिया है। अधिवक्ता के मुताबिक एनजीटी के न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने उनसे कहा है कि वह कमेटी के चेयरमैन को भी एक आवेदन दें।
ऐश डैम टूटने से दो गांवों में मची तबाही के मद्देनजर अधिवक्ता अश्वनी दुबे ने 13 अगस्त को एनजीटी में याचिका दाखिल किया था। याचिका दाखिल कर अधिवक्ता ने ग्रामीणों की नुकसान की भरपाई, गांव को प्रदूषण से मुक्त कराने और ऐश डैम को पूरी तरह से सुरक्षित होने तक कंपनी में उत्पादन को बंद कराए जाने की मांग की है।
एनजीटी ने अधिवक्ता की इस याचिका की सुनवाई में ओवर साइट कमेटी के चेयरमैन राजेश कुमार को डैम टूटने से हुई क्षति सहित अन्य बिन्दुओं पर जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। गौरतलब है कि एनजीटी की ओर से ओवर साइट कमेटी का गठन सिंगरौली जिले में प्रदूषण को रोकने के मद्देनजर किया गया है।
इधर 10 करोड़ का लग चुका है जुर्माना
एस्सार पर इस मामले में मप्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से भी 10 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है। बोर्ड की ओर से भी कंपनी को क्षतिपूर्ति की राशि जमा करने के साथ ही दोनो गांवों को प्रदूषण मुक्त करने का निर्देश दिया गया है।
कलेक्टर केवीएस चौधरी ने भी क्षतिपूर्ति के मद्देनजर 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था, जिसे कंपनी ने जमा कर दिया है। एनजीटी में याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता क्षतिपूर्ति के लिए किए गए इन दोनों ही जुर्माने को अपर्याप्त मान रहे हैं। अब मामला एनजीटी की ओर से कराई जा रही जांच पर निर्भर है।
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