सड़कों से कोल परिवहन ठप रहा। टैंकरों के जरिए पेड़-पौधों और सड़कों में व उसके किनारे जमी कोयले की कालिख धुल दी गईं। सड़कें दिनभर सूनी रहींं। ऊर्जांचल के लोग पहली बार होली सा नजारा देखे। लोगों के मुंह से निकल पड़ा,काश! रोजाना इस कदर सफाई होती और पानी से कोयले की परतें साफ की जातीं। इधर, टीम के सदस्य सुबह जिला प्रशासन के साथ बैठक किए। इसके बाद उद्योगों के प्रतिनिधियों से वार्ता किए। इस दौरान मीडिया से दूरी बनाये रहे।
टीम के आने की खबर फैलते ही चारों ओर हड़कंप मच गया। जिला प्रशासन से लेकर, उद्योगों के प्रतिनिधियों व ट्रांसपोर्टर तक सकते में आ गये। दिखावे के लिए जिला प्रशासन ने सड़क मार्ग से कोल परिवहन पूरी तरह से बंद कर दिया। एनजीटी के आदेशों पर पर्दा डालने के लिए कोयले की जमी परतें साफ की जाने लगी। जिला प्रशासन और उद्योग दोनों अपनी काली करतूत छिपाने में जुटे रहे। कोर कमेटी के सदस्यों का कंपनी प्रतिनिधियों के साथ दूसरे दिन भी बैठकों का दौर जारी रहा।
जनाब! ऐसे एनजीटी के आदेशों का उड़ाते रहे माखौल
-उधर, कोल वाहनों से कुचलकर होती रहीं मौतें, इधर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) के आदेशों का माखौल उड़ाते रहा जिला प्रशासन। – सड़क मार्ग से कोल परिवहन न किए जाने से संबंधित नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का आदेश जिला प्रशासन के ठंडे बस्ते में पड़ गया है।
– कलेक्टर अनुराग चौधरी ने आदेश जारी किया था कि कोल परिहवन बंद कन्टेनर से किया जाएगा। जबकि आज तक बंद कन्टेनर देखे ही नहीं गये। एनजीटी को यह है आदेश
क्षेत्रीय प्रदूषण एवं नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी पीआर देव ने एनसीएल समेत समस्त कोल कंपनियों को जारी आदेश पत्र से साफ लिखा है कि एनजीटी कोर कमेटी द्वारा जुलाई 2015 में 9.4(4) में की गई अनुसंशा और कलेक्टर सिंगरौली का आदेश क्रमांक 554/आरडीएम/2015 के संबंध में राष्ट्रीय हरित अधिकरण नई दिल्ली में प्रचलित प्रकरण क्रमांक 176/2013 अश्वनी दुबे विरूद्ध यूनियन ऑफ इंडिया एण्ड अदर्स के मामले में एनजीटी की ओर से गठित कोर कमेटी द्वारा जुलाई 2015 में अपनी 9.4(4) में की गई अनुसंशा के अनुसार, कोयला खदानों को यह व्यवस्था सुनिश्चित करनी है कि कोयले का परिवहन केवल रेलवे वैगन या डायरेक्ट कन्वेयर सिस्टम के आधार पर किया जाएगा।
क्षेत्रीय प्रदूषण एवं नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी पीआर देव ने एनसीएल समेत समस्त कोल कंपनियों को जारी आदेश पत्र से साफ लिखा है कि एनजीटी कोर कमेटी द्वारा जुलाई 2015 में 9.4(4) में की गई अनुसंशा और कलेक्टर सिंगरौली का आदेश क्रमांक 554/आरडीएम/2015 के संबंध में राष्ट्रीय हरित अधिकरण नई दिल्ली में प्रचलित प्रकरण क्रमांक 176/2013 अश्वनी दुबे विरूद्ध यूनियन ऑफ इंडिया एण्ड अदर्स के मामले में एनजीटी की ओर से गठित कोर कमेटी द्वारा जुलाई 2015 में अपनी 9.4(4) में की गई अनुसंशा के अनुसार, कोयला खदानों को यह व्यवस्था सुनिश्चित करनी है कि कोयले का परिवहन केवल रेलवे वैगन या डायरेक्ट कन्वेयर सिस्टम के आधार पर किया जाएगा।