उद्बोधन के दौरान कलेक्टर अनुराग चौधरी ने अपने शिक्षक को याद कर कार्यक्रम में मौजूद शिक्षकों के सामने यह प्रदर्शित करने का प्रयास किया कि कलेक्टर पद पर होते हुए भी शिक्षक के प्रति सम्मान का भाव रखते हैं। उन्होंने उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित करने का भी वादा किया।
दोनों हाथ से कई भाषाओं में लिखने के लिए मशहूर वीणावादनी स्कूल के प्राचार्य विरंगत शर्मा को मंच पर बुलाकर उन्हें रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया। कहा कि यदि शर्मा सर स्कूल के बच्चों को दोनों हाथ से कई भाषा में लिखना सिखा सकते हैं, जिसकी जर्मनी में रिपोर्टिंग हो हरी है तो आप क्यों नहीं कर सकते।
दरअसल जिले के अधिकारी नीति आयोग की लिस्ट में जिले को सम्मानजनक स्थान दिलाना चाहते हैं। शिक्षा में सुधार किए बिना ऐसा संभव नहीं है। ऐसा इसलिए कि नीति आयोग के जो अंक निर्धारित किए गए हैं उसमें 30 फीसदी अंक शिक्षा के हैं। बिना शिक्षा में सुधार किए जिले को सम्मान जनक स्थान दिला पाना मुश्किल है।
इसी सिलसिले में रविवार को मैत्री सभागार में शिक्षा विभाग के सभी अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में कलेक्टर अनुराग चौधरी, जिला पंचायत सीईओ प्रियंक मिश्रा, जिला शिक्षा अधिकारी रोहिणी पाण्डेय, जिला शिक्षा परियोजना समन्वयक एस के त्रिपाठी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, बीआरसीसी, संकुल प्राचार्य मौजूद रहे।
शिक्षक व छात्र के बीच संवाद महत्वपूर्ण
जिला पंचायत सीईओ प्रियंक मिश्रा भी शिक्षकों को सहलाने का प्रयास करते रहे। उन्होंने कहा कि हम सख्ती दिखाकर आपको स्कूल तक तो पहुंचा सकते हैं। शिक्षक व छात्र के बीच बेहतर संवाद आपको ही स्थापित करना होगा। हम सख्ती दिखाकर नहीं कर सकते। उन्होंने शिक्षकों को उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराया। कहा कि आप सबका प्रयास यह होना चाहिए की बच्चा स्कूल में ज्यादा से ज्यादा सीखे। इसके साथ ही स्कूल की व्यवस्था को लेकर भी शिक्षकों को गंभीरता बरतने के लिए कहा।
शिक्षकों की सराहना
सीईओ पूरे कार्यक्रम में शिक्षकों की सराहना करने के साथ ही उन्हें उनकी कमी का भी एहसास कराते रहे। सीईओ मिश्रा ने कहा कि हमारे पास निजी स्कूलों से ज्यादा योग्य एवं क्षमतावान शिक्षक हैं। इसके बावजूद क्या वजह है कि हम अच्छे परिणाम नहीं दे पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों में शिक्षक पांच से छह हजार रुपए महीने में काम करते हैं। लेकिन वहां हमसे अच्छा परिणाम मिल रहा है। ऐसा क्यों? ऐसा नहीं होना चाहिए।
ढ़ोंटी में बिजली पर पंखे नहीं
सीईओ प्रियंक मिश्रा ने एक दिन पहले प्राथमिक विद्यालय ढ़ोटी में हुए कार्यक्रम का जिक्र करते हुए अफसोस जताया कि वहां वह स्कूल बैढऩ मुख्यालय के सबसे नजदीक में हैं। स्कूल में बिजली कनेक्शन भी है। लेकिन वहां पंखे नहीं हैं। गर्मी में बच्चे पढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे छोटी कमियों को दूर करने की जरूरत है। जिससे हमारा जिला भी अन्य जिलों के बराबर में आ सके। उन्होंने कहा कि इस बार हम चूक गए। लेकिन अगली बार हम ऐसा प्रयास करें की हमारा जिला तेजी से सुधार करने वाला जिला बने और प्रधानमंत्री सिंगरौली का दौरा करें।
जो नहीं आए उनकी सूची देना
सीईओ ने जिला शिक्षा अधिकारी रोहिणी पाण्डेय को निर्देश दिया कि जो प्राचार्य एवं शिक्षक बैठक में नहीं आए हैं उनकी सूची तैयार करके हमें दे देना। सीईओ ने ऐसा कर उन पर कार्रवाई करने का भी इरादा साफ कर दिया।
शौचालय चालू हालत में नहीं
जिले के 80 फीसदी सरकारी स्कूलों में शौचालय तो है लेकिन चालू हालत में महज 40 फीसदी ही हैं। स्कूल में छात्राओं की उपस्थित बढ़ाने के लिए शौचालय का चालू हालत में होना बेहद जरूरी है। निर्देश दिए गए कि सभी स्कूल अपने यहां पानी एवं शौचालय की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें।
15 अगस्त पर करुंगा सम्मानित
कलेक्टर अनुराग चौधरी ने कहा कि उत्कृष्ट कार्य करने वाले 15 शिक्षकों को 15 अगस्त के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा। आगे यह संख्या और भी बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि निरक्षर महिलाओं को 100 दिवस में साक्षर करने का अभियान चलाया जाएगा। जिला शिक्षा परियोजना समन्वयक इसकी निगरानी करें और इस कार्य को पूरा करें।
डे्रस कोड का सुझाव
इस अवसर पर देवसर बीआरसीसी केके द्विवेदी ने सुझाव दिया कि जिले में सभी शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया जाए। इससे शिक्षा में काफी सुधार होगा। इस पर कलेक्टर अनुराग चौधरी ने सहमति जताई है इस पर जल्द निर्णय लेने का भरोसा दिलाया है।