जिला प्रशासन के हवाले से एसडीएम सिंगरौली ने सूची सार्वजनिक करते हुए २३ अक्टूबर तक दावा-आपत्ति का मौका दिया है। अंतिम तिथि में अभी दो दिन बाकी हैं, लेकिन अब तक १९ लोगों ने अलग-अलग तरह की आपत्ति दाखिल कर संशोधन की मांग की है। जिला प्रशासन से लेकर नगर निगम तक के अधिकारी आवेदन मिलने के साथ ही आपत्तियों के निराकरण की कोशिश में जुट गए हैं। लेकिन उनकी ओर से कई आपत्तियों को बेवजह माना जा रहा है।
अधिकारियों की माने तो वार्डों की सीमा और जनसंख्या को लेकर कई आपत्तियां हैं। आपत्ति दर्ज करने वालों में कई वार्ड पार्षद भी शामिल हैं। पार्षदों ने निर्धारित सीमा को लेकर उंगली उठाई है। तर्क है कि नए परिसीमन में कई वार्डों की सीमा बहुत छोटी है। जबकि कई की आबादी अभी भी अधिक है। इसके अलावा पोलिंग बूथ सहित अन्य असमानता पर भी आपत्तियां आई हैं। यह बात और है कि अधिकारी केवल कुछ पर ही गौर फरमा रहे हैं।
45 से बढ़ा कर 50 हुई वार्डों की संख्या
नए परिसीमन में वार्डों की संख्या 45 से बढ़ाकर 50 की गई है। वार्डों की संख्या में बढ़ोत्तरी अधिक आबादी वाले वार्डों की सीमा को कम करके की गई है। इस बदलाव में कई वार्डों की सीमा बदल गई है। भारी संख्या में रहवासी एक वार्ड से दूसरे वार्ड में चले गए हैं। आपत्तियां इन्हीं बिन्दुओं पर है।
नए परिसीमन में वार्डों की संख्या 45 से बढ़ाकर 50 की गई है। वार्डों की संख्या में बढ़ोत्तरी अधिक आबादी वाले वार्डों की सीमा को कम करके की गई है। इस बदलाव में कई वार्डों की सीमा बदल गई है। भारी संख्या में रहवासी एक वार्ड से दूसरे वार्ड में चले गए हैं। आपत्तियां इन्हीं बिन्दुओं पर है।
इन बिन्दुओं पर आई आपत्तियां
– वार्डों की निर्धारित नई सीमा से असंतुष्ट
– कई वार्डों की न्यून आबादी पर भी उठी उंगली
– वार्डों में बूथ असमानता को लेकर भी आपत्ति
– वार्ड में जातिगत असमानता का भी उठा मुद्दा
– नई सीमा को बताया गया विकास में बाधा
– वार्डों की निर्धारित नई सीमा से असंतुष्ट
– कई वार्डों की न्यून आबादी पर भी उठी उंगली
– वार्डों में बूथ असमानता को लेकर भी आपत्ति
– वार्ड में जातिगत असमानता का भी उठा मुद्दा
– नई सीमा को बताया गया विकास में बाधा