ऐसे बदलेंगे हालात
यह कंपनी शहर के 45 वार्डों में अलग-अलग जगह पर पोल से घरों तक खुली पड़ी बिजली की तारों को बदलने का काम करेगी। वर्तमान में शहर में लगभग 55 किलोमीटर लंबाई में बिजली की तारें बिना कवर के हैं। इस कारण बिजली चोरी व हादसों का खतरा रहता है। इस कंपनी को शहर के नवजीवन विहार के सब स्टेशन में 3.15 एमवीए के एक पावर ट्रांसफार्मर की क्षमता को बढ़ाकर उसे 5 एमवीए में करने का काम भी दिया गया है। इसी प्रकार यह कंपनी औद्योगिक क्षेत्र के एकेवीएन सब स्टेशन में 3.15 एमवीए का नया अतिरिक्त ट्रांसफार्मर भी स्थापित करने का काम करेगी। इस कंपनी को वंचित स्लम क्षेेत्र में जरूरत के अनुसार नए पोल स्थापित कर वहां घरों तक तार डालकर विद्युतीकरण करने का काम महत्वपूर्ण जिम्मा भी दिया गया है। शहरी बिजली तंत्र सुधारने के सारे काम पूरे करने के लिए शासन की ओर से इस कंपनी को एक वर्ष का समय दिया गया है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि यह प्रोजेक्ट शहर के बिजली तंत्र को सुधारने का बड़ा काम करेगा।
यह कंपनी शहर के 45 वार्डों में अलग-अलग जगह पर पोल से घरों तक खुली पड़ी बिजली की तारों को बदलने का काम करेगी। वर्तमान में शहर में लगभग 55 किलोमीटर लंबाई में बिजली की तारें बिना कवर के हैं। इस कारण बिजली चोरी व हादसों का खतरा रहता है। इस कंपनी को शहर के नवजीवन विहार के सब स्टेशन में 3.15 एमवीए के एक पावर ट्रांसफार्मर की क्षमता को बढ़ाकर उसे 5 एमवीए में करने का काम भी दिया गया है। इसी प्रकार यह कंपनी औद्योगिक क्षेत्र के एकेवीएन सब स्टेशन में 3.15 एमवीए का नया अतिरिक्त ट्रांसफार्मर भी स्थापित करने का काम करेगी। इस कंपनी को वंचित स्लम क्षेेत्र में जरूरत के अनुसार नए पोल स्थापित कर वहां घरों तक तार डालकर विद्युतीकरण करने का काम महत्वपूर्ण जिम्मा भी दिया गया है। शहरी बिजली तंत्र सुधारने के सारे काम पूरे करने के लिए शासन की ओर से इस कंपनी को एक वर्ष का समय दिया गया है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि यह प्रोजेक्ट शहर के बिजली तंत्र को सुधारने का बड़ा काम करेगा।
शहर में हो रही पड़ताल
इस प्रोजेक्ट के तहत शासन से करार होने के बाद अल अदर नामक इस बहुराष्ट्रीय कंपनी ने करीब एक माह पहले काम शुरू कर दिया। आरंभिक तौर पर यह कंपनी सिंगरौली शहर के अलग-अलग इलाकों के ऐसे स्लम व पिछड़े क्षेत्रों की पहचान व सर्वे कर रही है, जहां फिलहाल विद्युतीकरण नहीं हुआ। इसके साथ ही यह कंपनी बिजली सुविधा से वंचित स्लम व पिछड़े क्षेत्र में निवास करने वाले नागरिकों की सामाजिक पृष्ठभूमि की जानकारी भी जुटाएगी। इसके बाद सर्वे के आधार पर कंपनी की ओर से बिजली तंत्र सुधार के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा और एप्रूवल के बाद उस पर काम किया जाएगा। इसमेें बिजली तंत्र में सुधार के कार्य, शहर के जीएसएस में स्थापित पावर ट्रांसफार्मर की क्षमता में वृद्धि व अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर की स्थापना जैसे काम शामिल हैं।
इस प्रोजेक्ट के तहत शासन से करार होने के बाद अल अदर नामक इस बहुराष्ट्रीय कंपनी ने करीब एक माह पहले काम शुरू कर दिया। आरंभिक तौर पर यह कंपनी सिंगरौली शहर के अलग-अलग इलाकों के ऐसे स्लम व पिछड़े क्षेत्रों की पहचान व सर्वे कर रही है, जहां फिलहाल विद्युतीकरण नहीं हुआ। इसके साथ ही यह कंपनी बिजली सुविधा से वंचित स्लम व पिछड़े क्षेत्र में निवास करने वाले नागरिकों की सामाजिक पृष्ठभूमि की जानकारी भी जुटाएगी। इसके बाद सर्वे के आधार पर कंपनी की ओर से बिजली तंत्र सुधार के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा और एप्रूवल के बाद उस पर काम किया जाएगा। इसमेें बिजली तंत्र में सुधार के कार्य, शहर के जीएसएस में स्थापित पावर ट्रांसफार्मर की क्षमता में वृद्धि व अतिरिक्त पावर ट्रांसफार्मर की स्थापना जैसे काम शामिल हैं।
स्लम क्षेत्रों का सर्वे शुरू
कंपनी ने एग्रीमेंंट के अनुसार एक माह पहले शहर में काम संभाला है। आरंभ में शहर के बिजली से वंचित स्लम व पिछड़े क्षेत्रों का सर्वे किया जा रहा है। यह पूरा होने के बाद कंपनी प्रोजेक्ट देगी जिस पर एप्रूवल के बाद बिजली तंत्र में सुधार के काम शुरू होंगे।
– एएस बघेल, कार्यपालन यंत्री शहर, मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र बिजली कंपनी
कंपनी ने एग्रीमेंंट के अनुसार एक माह पहले शहर में काम संभाला है। आरंभ में शहर के बिजली से वंचित स्लम व पिछड़े क्षेत्रों का सर्वे किया जा रहा है। यह पूरा होने के बाद कंपनी प्रोजेक्ट देगी जिस पर एप्रूवल के बाद बिजली तंत्र में सुधार के काम शुरू होंगे।
– एएस बघेल, कार्यपालन यंत्री शहर, मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र बिजली कंपनी