इससे वर्षों पुरानी यातायात व प्रदूषण की समस्या से छुटकारा मिल गया है। कुछ दिन पहले ही एनसीएल ने जयंत खदान में वैकल्पिक मार्ग तैयार करने की कवायद शुरू की थी, जो अब पूरी तरह से तैयार हो गई है। निगाही खदान का मार्ग भी इस सप्ताह पूरा होने की संभावना बताई गई है।
एनसीएल अधिकारियों के मुताबिक जयंत खदान से निकलने वाले वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग तैयार होने के बाद जयंत से मुड़वानी डैम होते हुए मोरवा जाने वाले मार्ग पर 600 कोल वाहनों की संख्या कम हो गई है। इससे एक ओर जहां इस मार्ग पर यातायात का दबाव कम हुआ।
निगाही खदान का मार्ग तैयार होने के बाद इतने ही वाहनों से और राहत मिले जाएगी। बताया गया कि जयंत खदान में तैयार मार्ग से कोल वाहन सीएचपी कांटा से चल कर पश्चिमी सेक्शन के बाद व्यू प्वाइंट से होते हुए सीधे मेढ़ौली में मुख्य मार्ग तक पहुंचेंगे।
वहां से रेलवे साइडिंग तक पहुंचने के लिए जयंत-मोरवा मुख्य मार्ग में करीब 3 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी। अभी इसके लिए इंतजाम किए जा रहे हैं। इस तरह से जयंत-मोरवा के बीच करीब 15 किलोमीटर की दूरी में 10 किलोमीटर की दूरी में वाहनों के दबाव से मुक्त हो गई है।
दूसरी खदानों के लिए भी प्रयास
एनसीएल जयंत के बाद निगाही में वैकल्पिक मार्ग तैयार कर रहा है। इसके बाद दुद्धिचुआ व अमलोरी सहित अन्य खदानों से होने वाले कोल परिवहन के लिए वैकल्पिक मार्ग तैयार किए जाने पर विचार चल रहा है। कंपनी के अधिकारी संभावित रूट को लेकर अध्ययन कर रहे हैं।
एनसीएल जयंत के बाद निगाही में वैकल्पिक मार्ग तैयार कर रहा है। इसके बाद दुद्धिचुआ व अमलोरी सहित अन्य खदानों से होने वाले कोल परिवहन के लिए वैकल्पिक मार्ग तैयार किए जाने पर विचार चल रहा है। कंपनी के अधिकारी संभावित रूट को लेकर अध्ययन कर रहे हैं।
दो पहिया वाहन चालकों की होती थी फजीहत
कोल परिवहन का वैकल्पिक मार्ग नहीं होने से मुख्य मार्ग पर यातायात का दबाव अधिक होने के चलते कोल प्रदूषण बहुत अधिक होता था। खासतौर पर दो पहिया वाहन चालकों की काफी फजीहत होती थी। जयंत से मोरवा तक पहुंचने में चेहरा सहित पूरे कपड़े कोयले की राख से धूलधूसित हो जाया करते थे। आए दिन वहां लंबा जाम लगा रहता था। अब इन सबसे से राहत मिले गई है।
कोल परिवहन का वैकल्पिक मार्ग नहीं होने से मुख्य मार्ग पर यातायात का दबाव अधिक होने के चलते कोल प्रदूषण बहुत अधिक होता था। खासतौर पर दो पहिया वाहन चालकों की काफी फजीहत होती थी। जयंत से मोरवा तक पहुंचने में चेहरा सहित पूरे कपड़े कोयले की राख से धूलधूसित हो जाया करते थे। आए दिन वहां लंबा जाम लगा रहता था। अब इन सबसे से राहत मिले गई है।
मुड़वानी पहुंचना होगा आसान
जिला प्रशासन ने एनसीएल को वैकल्पिक मार्ग तैयार करने का निर्देश यातायात के बढ़ते दबाव व कोल प्रदूषण के मद्देनजर दिया था। दरअसल जल्द ही जयंत-मोरवा रूट पर स्थित मुड़वानी डैम को पर्यटन स्थल के रूप में शुरू किया जाएगा। वहां डैम को विकसित करने का लगभग पूरा कार्य कर लिया गया है।
जिला प्रशासन ने एनसीएल को वैकल्पिक मार्ग तैयार करने का निर्देश यातायात के बढ़ते दबाव व कोल प्रदूषण के मद्देनजर दिया था। दरअसल जल्द ही जयंत-मोरवा रूट पर स्थित मुड़वानी डैम को पर्यटन स्थल के रूप में शुरू किया जाएगा। वहां डैम को विकसित करने का लगभग पूरा कार्य कर लिया गया है।
पर्यटन स्थल खोलने बाद इस रूट पर यातायात का दबाव और बढ़ जाता। कोल परिवहन के चलते लोग मुड़वानी जाने से कतराते भी। यही वजह है कि कंपनी को वैकल्पिक मार्ग तैयार करने को कहा गया। अब मुड़वानी डैम तक पहुंचना आसान होगा।