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पहले दिन पढ़ाई में हुई खानापूर्ति, अभी जारी रहेगा ये सिलसिला, जानिए क्या है वजह

locationसिंगरौलीPublished: Jun 24, 2019 10:23:56 pm

Submitted by:

Ajeet shukla

स्कूल पहुंचे आधे से भी कम छात्र, किताब वितरण तक सीमित रही कवायद…

Only formality in class at first day of Singrauli schools

Only formality in class at first day of Singrauli schools

सिंगरौली. शासन स्तर से जारी निर्देश के अनुरूप सोमवार को निजी स्कूलों के साथ ही शासकीय स्कूल में खुल गए, लेकिन ज्यादातर शासकीय स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति आधे से भी कम रही।

पहले दिन जहां अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजने की जरूरत नहीं समझा। वहीं दूसरी ओर स्कूलों में भी सारी कवायद केवल पुस्तक वितरण तक सीमित रही। स्कूल स्तर पर अब तक हुई आधी-अधूरी तैयारी को देखते हुए नहीं लगता है कि इस महीने में छात्रों की पढ़ाई सुचारू रूप से चल सकेगी।
लोक शिक्षण संचालनालय की ओर से शासकीय प्राथमिक शाला से लेकर हायर सेकंडरी तक स्कूल खोलने और कक्षा संचालित करने का भले ही निर्देश जारी कर दिया है, लेकिन इस बावत तैयारी अभी अधूरी है। ज्यादातर स्कूल शिक्षकों की कमी का दंश झेल रहे हैं।
कक्षा संचालन का दारोमदार अतिथि शिक्षकों पर ही रहता है, लेकिन अभी तक अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो सकी है। जबकि पूर्व में पदस्थ अतिथि शिक्षकों का कार्यकाल नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया है। ऐसे में अब स्कूलों में नाम मात्र के बचे शिक्षक कक्षा में पढ़ाने के बजाए दूसरे कार्यों में भी व्यस्त रहेंगे।
बचे शिक्षकों पर जुलाई में रहेगी कई जिम्मेदारी
शासकीय स्कूलों में बचे शिक्षकों के लिए जुलाई का महीना व्यस्ततम रहने वाला है। ऐसे में उनकी ओर से कक्षा संचालन के लिए पूरा समय दे पाना मुमकिन नहीं होगा।दरअसल शिक्षकों पर छात्र-छात्राओं का प्रवेश लेने से लेकर स्कूल चलें हम अभियान तक की जिम्मेदारी होगी। अभियान के तहत शिक्षकों को बच्चों के घर पहुंचकर उनके अभिभावकों से संपर्क करने का भी निर्देश जारी हुआ है।
अब शाम साढ़े चार बजे तक चलेंगे स्कूल
गर्मी के मद्देनजर शिक्षकों को राहत देने के लिए स्कूल का समय पूर्व में भले ही साढ़े सात बजे से कर दिया गया हो, लेकिन रविवार को देर शाम शिक्षा अधिकारियों की ओर से दोबारा स्कूल समय में परिवर्तन का आदेश जारी कर दिया गया है। सोशल मीडिया के जरिए भेजे गए निर्देश पर प्राचार्यों व प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया गया है कि वह स्कूल का समय सुबह साढ़े 10 बजे से लेकर शाम साढ़े चार बजे तक का रखें।
उदाहरण:-01
शासकीय प्राथमिक शाला बिलौंजी में प्रवेशित छात्र-छात्राओं की कुल संख्या 59 रही है, लेकिन पहले दिन केवल 14 छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। शिक्षक के नाम पर स्कूल में केवल एक सहायक अध्यापक मिली। बताया गया कि दो और अतिथि शिक्षक रखा जाना है। प्रक्रिया अभी जारी है। नतीजा पुस्तक वितरण कर पढ़ाई की केवल खानापूर्तिकी गई।
उदाहरण:-02
शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला माजन मोड़ में प्रवेशित छात्र-छात्राओं की कुल संख्या 150 है, लेकिन उपस्थित मिले केवल 35 छात्र-छात्राएं। पदस्थ पांच शिक्षकों में एक शिक्षक दूसरे विद्यालय में अटैच हैं। दो अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। प्रक्रिया जारी है। स्कूल में पहले दिन की सारी कवायद केवल पुस्तक वितरण तक सीमित रही है।

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