शासकीय स्कूलों में बचे शिक्षकों के लिए जुलाई का महीना व्यस्ततम रहने वाला है। ऐसे में उनकी ओर से कक्षा संचालन के लिए पूरा समय दे पाना मुमकिन नहीं होगा।दरअसल शिक्षकों पर छात्र-छात्राओं का प्रवेश लेने से लेकर स्कूल चलें हम अभियान तक की जिम्मेदारी होगी। अभियान के तहत शिक्षकों को बच्चों के घर पहुंचकर उनके अभिभावकों से संपर्क करने का भी निर्देश जारी हुआ है।
गर्मी के मद्देनजर शिक्षकों को राहत देने के लिए स्कूल का समय पूर्व में भले ही साढ़े सात बजे से कर दिया गया हो, लेकिन रविवार को देर शाम शिक्षा अधिकारियों की ओर से दोबारा स्कूल समय में परिवर्तन का आदेश जारी कर दिया गया है। सोशल मीडिया के जरिए भेजे गए निर्देश पर प्राचार्यों व प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया गया है कि वह स्कूल का समय सुबह साढ़े 10 बजे से लेकर शाम साढ़े चार बजे तक का रखें।
शासकीय प्राथमिक शाला बिलौंजी में प्रवेशित छात्र-छात्राओं की कुल संख्या 59 रही है, लेकिन पहले दिन केवल 14 छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। शिक्षक के नाम पर स्कूल में केवल एक सहायक अध्यापक मिली। बताया गया कि दो और अतिथि शिक्षक रखा जाना है। प्रक्रिया अभी जारी है। नतीजा पुस्तक वितरण कर पढ़ाई की केवल खानापूर्तिकी गई।
शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला माजन मोड़ में प्रवेशित छात्र-छात्राओं की कुल संख्या 150 है, लेकिन उपस्थित मिले केवल 35 छात्र-छात्राएं। पदस्थ पांच शिक्षकों में एक शिक्षक दूसरे विद्यालय में अटैच हैं। दो अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। प्रक्रिया जारी है। स्कूल में पहले दिन की सारी कवायद केवल पुस्तक वितरण तक सीमित रही है।