नगर निगम आयुक्त आरपी सिंह के मुताबिक गनियारी आवास योजना में प्रक्रिया के तहत आवेदकों को आवास आवंटन के लिए कलेक्टर से स्वीकृत 1035 हितग्राहियों की और मेयर इन काउंसिल से अनुशंसित 334 लोगों की सूची जारी की गई थी, लेकिन तत्कालीन नोडल अधिकारी व कार्यपालन यंत्री आरके जैन ने इन दोनों सूची के अतिरिक्त 270 व्यक्तियों को नियम विरूद्ध तरीके से आवेदन लेकर आवंटित कर दिया। आयुक्त ने बताया कि अनियमित आवंटन की जांच कराए जाने पर तीन सदस्यीय कमेटी ने इस आशय की रिपोर्ट दी है।
नियम विरूद्ध तरीके से आवास आवंटित कराने वाले 270 व्यक्तियों में से 140 लोगों ने आवास में अपना आधिपत्य भी जमा लिया है। जल्द ही इन सभी से आवास खाली कराया जाएगा। मनमानी तरीके से आवंटित 270 आवासों का आवंटन निरस्त कर नए सिरे से उन हितग्राहियों को आवंटित किया जाएगा, जो कलेक्टर की स्वीकृत व मेयर इन काउंसिल की अनुशंसित सूची में शामिल हैं। इन हितग्राहियों में मनमानी आवंटन से निराशा थी। क्योंकि यह हितग्राही पात्र होने और समय पर आवेदन करने के बाद भी आवास से वंचित हो गए हैं।
पत्रिका ने उठाया मुद्दा
आवास आवंटन में मनमानी का मुद्दा पत्रिका की ओर से उठाया गया। खबरों के प्रकाशन के बाद अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लिया। कलेक्टर के निर्देश पर जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई। तत्कालीन कार्यपालन यंत्री आरके जैन से नोडल अधिकारी का प्रभार लिया गया। 13 अप्रेल को उन पर निलंबन की कार्रवाई भी हो गई। अब नियम विरूद्ध तरीके से आवंटित आवासों को खाली कराते हुए पात्र हितग्राहियों को आवास आवंटित किए जाने की कार्यवाही शुरू की जाएगी।
आवास आवंटन में मनमानी का मुद्दा पत्रिका की ओर से उठाया गया। खबरों के प्रकाशन के बाद अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से लिया। कलेक्टर के निर्देश पर जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई। तत्कालीन कार्यपालन यंत्री आरके जैन से नोडल अधिकारी का प्रभार लिया गया। 13 अप्रेल को उन पर निलंबन की कार्रवाई भी हो गई। अब नियम विरूद्ध तरीके से आवंटित आवासों को खाली कराते हुए पात्र हितग्राहियों को आवास आवंटित किए जाने की कार्यवाही शुरू की जाएगी।