अधिकारियों के मुताबिक रायसेन के लिए 30 हजार टन भेजे जाने का निर्देश है। जल्द ही दूसरे जिलों के लिए प्रशासन को शासन स्तर से लक्ष्य दिया जाएगा। माना जा रहा है कि यहां का धान उन जिलों के लिए भेजा जाएगा, जहां भंडारण के साथ मिलिंग की सुविधा है।
जिले में अब की बार 14 लाख क्विंटल से अधिक धान खरीदी की उम्मीद है। अब तक 13 लाख क्विंटल से अधिक धान खरीदा जा चुका है। खरीदी के लिए अभी दो दिन शेष है। खरीदी के मुकाबले यहां धान भंडारण की व्यवस्था नहीं है। मजबूरन चितरंगी के कपूरदेई में 15 एकड़ में ओपेन कैप बनाकर धान रखा जा रहा है।
जिले में साथ ही मिलिंग की व्यवस्था भी नहीं है। इसका अंदाजा महज इस बात से लगाया जा सकता है कि अभी 5 लाख क्विंटल पुराना धान मिलिंग के लिए बाकी है। इस स्थिति में प्रशासन के प्रस्ताव पर यहां का धान बाहर भेजे जाने की योजना बनाई गई है।
8 लाख क्विंटल धान भेजा जाएगा बाहर
नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जिले से 8 लाख क्विंटल धान बाहर भेजे जाने की योजना है। इनमें से 3 लाख क्विंटल धान अकेले रायसेन भेजा जाएगा। बाकी 5 लाख क्विंटल धान भंडारण व मिलिंग के उद्देश्य से अन्य दूसरे जिलों में भेजे जाने की योजना है। माना जा रहा है कि जल्द ही दूसरे जिलों के नाम भी प्रशासन को बताए जाएंगे। फिलहाल रायसेन के लिए 50 हजार क्विंटल धान बरगवां रेलवे स्टेशन से रेक के जरिए भेजा जा चुका है।
14 मिलर पंजीकृत, नहीं कर पा रहे मिलिंग
जिले में कुल 14 धान मिलर पंजीकृत हैं, लेकिन यह सब मिलकर भी धान की मिलिंग नहीं कर पा रहे हैं। पिछली खरीदी में कुल 12 लाख क्विंटल धान की खरीदी की गई थी, लेकिन अभी तक केवल 7 लाख क्विंटल धान की मिलिंग हो पाई है। अभी 5 लाख क्विंटल धान की मिलिंग बाकी है। यह धान सरई ओपेन कैप सहित अन्य कई गोदामों में भंडारित है।