शिकायत करने वाले एक दो पंचायतों के ही लोग थे लेकिन कलेक्टर ने सभी पंचायतों में हुए आरक्षण को गलत ठहाराया और दोबारा 16 नवम्बर को आरक्षण की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए।
15 पंचायतों को आरक्षित किया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जो पहले आदेश जारी हुआ था उसमें बताया गया था कि 15 पंचायतों को आरक्षित किया गया है, बता दें कि 31 पंचायतों में दिसंबर माह में चुनाव होना है। उल्लेखनीय है कि जिले में 31 ग्राम पंचायतों में सरपंच एवं पंचों का चुनाव होना है। इसके लिए आरक्षण की प्रक्रिया चल रही है।
जांच के बाद आपत्ति सही जिपं कार्यालय के सभागार में 8 नवंबर को आरक्षण तय किया गया था। जिसके बाद उस पर सवाल खड़े होने लगे। लोगों ने कलेक्टर के यहां आपत्ति जताई और आरोप लगाया की आरक्षण में मनमानी की गई है। कलेक्टर ने मामले की जांच के बाद आपत्ति को सही पाया और पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर जारी आदेश को निरस्त कर दिया।
31 पंचायतों में दोबारा आरक्षण की प्रक्रिया अब सभी 31 पंचायतों में दोबारा आरक्षण की प्रक्रिया होगी। इसकी कमान बैढऩ एसडीएम विकास सिंह को दी गई है। उन्हीं के देखरेख में सभी पंचायतों में आरक्षण तय किए जाएंगे। इसके लिए 16 नवंबर की तिथि निर्धारित की गई है। जिला पंचायत सभागार में यह पूरी प्रक्रिया होनी है। इसके लिए तीन जनपद पंचायतों उपखण्ड अधिकारियों सहित पंचायतों को भी सूचित कर दिया गया है।
2012 के पहले हुए आरक्षण को किया था नजरअंदाज
8 नवंबर को हुए आरक्षण में शासन के नियमों की धज्जियां उडाई गई थी। नियमों को ताक में रखकर मनमानी आरक्षण किया था। यही वजह रही की निरस्त कर दिया गया। निरस्त करते हुए कलेक्टर अनुराग चौधरी ने आदेश दिया कि अपीलीय शिकायत प्राप्त होने पर शिकायत के परीक्षण करने पर यह पाया गया कि आरक्षण में गत सभी निर्वाचन में किए गए आरक्षण को अपवर्जित न करते हुए मात्र 2012 को अपवर्जित किया गया है।
डगा को लेकर थी आपत्ति
ग्राम पंचायत डगा में आरक्षण को लेकर आपत्ति जताई गई थी। कहा गया कि ग्राम पंचायत डगा को अजजा वर्ग का प्रतिनिधित्व 04 चक्रानुक्रम के पश्चात भी नहीं दिया गया है। जबकि ग्राम पंचायत कनई को 02 बार अजजा एवं अनारक्षित तथा अजा वर्ग का 01 -01 बार प्रतिनिधित्व दिया गया है। तथा ग्राम पंचायत डगा को अजजा वर्ग को प्रतिनिधित्व करेन का एक भी बार अवसर नहीं मिला है। ये सभी पंचायतेंं जनपद पंचायत देवसर के अंतर्गत आती हैं।