दरअसल खनिज विभाग के प्रमुख सचिव के निर्देश पर जिला प्रशासन की ओर से पंचायतों को पूर्व की खदानों में रेत खनन की अनुमति प्रदान कर दी गई है। पिछले कई महीने से खदानों में रेत के खनन पर लगा प्रतिबंध हटा लिया गया है। इस बावत जारी आदेश के मद्देनजर पंचायत की ओर से उन खदानों में रेत खनन का कार्य शुरू किया जा सकता है, जो उन्हें पूर्व में आवंटित की गई थी।
आदेश में स्पष्ट किया गया है कि नई खदानों में खनन का कार्य नहीं शुरू किया जा सकेगा। पंचायतों को खनन का फिर से अधिकार मिलने के बाद अब उन ठेकेदारों की ओर से खनन के अवैध कारोबार पर रोक लग जाएगा, जो वह चोरी छिपे करते रहे हैं। खनन के लिए अब पंचायतों की अनुमति जरूरी होगी। पंचायत की सहमति पर ही अब खदान में खनन कार्य किया जा सकेगा।
18 खदानों में शुरू हो सकेगा खनन का कार्य
खनिज विभाग के अधिकारियों की माने तो जिले के 18 खदानों में खनन का कार्य जिला प्रशासन की ओर से जारी आदेश के बाद शुरू हो जाएगा। गौरतलब है कि पूर्व में पंचायतों को रेत खनन के लिए जिले में 18 खदानों का आवंटन किया गया था। इनमें से करीब 13 खदान बैढऩ तहसील में हैं। इसके अलावा बाकी की पांच खदान चितरंगी व देवसर तहसील क्षेत्र में आती हैं।
खनिज विभाग के अधिकारियों की माने तो जिले के 18 खदानों में खनन का कार्य जिला प्रशासन की ओर से जारी आदेश के बाद शुरू हो जाएगा। गौरतलब है कि पूर्व में पंचायतों को रेत खनन के लिए जिले में 18 खदानों का आवंटन किया गया था। इनमें से करीब 13 खदान बैढऩ तहसील में हैं। इसके अलावा बाकी की पांच खदान चितरंगी व देवसर तहसील क्षेत्र में आती हैं।
ठेकेदारों के कब्जा तक जारी रख सकेंगे खनन
आदेश के मुताबिक पंचायतें खदान में खनन का कारोबार नईप्रक्रिया के तहत आवंटन कार्य पूरा होने तक जारी रख सकेंगी। नई प्रक्रिया के तहत खदान आवंटित होने के बाद जब तक ठेकेदार का खदान में कब्जा नहीं प्राप्त हो जाता है, पंचायत की ओर से खनन का कार्य जारी रखा जा सकेगा। वर्तमान में आवंटन की प्रक्रिया जारी है। पंचायतों को खनन का मौका केवल एक से दो महीने तक ही मिलेगा।
आदेश के मुताबिक पंचायतें खदान में खनन का कारोबार नईप्रक्रिया के तहत आवंटन कार्य पूरा होने तक जारी रख सकेंगी। नई प्रक्रिया के तहत खदान आवंटित होने के बाद जब तक ठेकेदार का खदान में कब्जा नहीं प्राप्त हो जाता है, पंचायत की ओर से खनन का कार्य जारी रखा जा सकेगा। वर्तमान में आवंटन की प्रक्रिया जारी है। पंचायतों को खनन का मौका केवल एक से दो महीने तक ही मिलेगा।