चीन के बुहान से फैली वैश्विक बीमारी कोरोना से पहले ही लोग बेहाल हैं। बता दें कि कहा ये गया था कि यह वायरस पहले चमगादड़ में ही आया और उसी से मनुष्यों में फैला। ऐसे में अब ऐतिहासिक गुफाओं के लिए शुमार माड़ा में हफ्ते भर में हजारों की तादाद में चमगादड़ों की मौत ने इलाकाई लोगों के साथ ही पुलिस प्रशासन व वन विभाग को भी हैरत में डाल दिया है।
हालांकि इसकी सूचना मिलने पर प्रशासन ने चमगादड़ों के अवशेषों के सैंपल लिए और जांच के लिए भोपाल भेज दिया है। साथ ही मृत चमगादड़ों को आसपास ही गड्ढा खोदवाकर दफन कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा चमगादड़ माड़ा तहसील क्षेत्र के ग्राम पड़री खूटा टोला में पाए गए। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी तो महकमे में हड़कंप मच गया। वन विभाग की टीम पशु विभाग के चिकित्सकों संग तत्काल मौके पर पहुंची। प्रारंभिक पड़ताल में इतनी भारी संख्या में चमगादड़ों की मौत का कारण पता नहीं चल सका है। अधिकारियों ने जांच के मद्देनजर कुछ मृत चमगादड़ों के सैंपल लिए हैं। बाकी को वहीं गहरे गड्ढे में दफन कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि गांव में जनार्दन सिंह के घर के समीप आम का बागीचा है। बागीचे में चमगादड़ों का झुंड देखा जाता रहा। लेकिन सुबह करीब सात बजे जमीन पर भारी संख्या में चमगादड़ गिरे दिखे। इतना ही नहीं सुबह भी पेड़ से चमगादड़ों के मृत हो र गिरने का क्रम जारी रहा। बागीचे में चमगादड़ों के मरने क खबर गांव में जंगल की आग की तरह फैल गई। हर-तरफ लोग चर्चा करते पाए गए।
“भारी संख्या में चमगादड़ों की मौत की सूचना मिली है। पड़ोसी राज्य के कुछ स्थानों में भी इस तरह की घटना सुनने में आई है। जांच के लिए सैंपल लिया गया है।”– केवीएस चौधरी, कलेक्टर सिंगरौली