निगम की ओर से शुरू इस अभियान के मद्देनजर उन पार्कों की कायापलट की उम्मीद जगी है, जो बीच शहर में होने के बावजूद जंगल सरीके सूरत अख्तियार किए बैठे हैं। करीब आधा दर्जन की संख्या में पार्कों की दशा यह है कि इनमें लोग प्रवेश करने से भी डरते हैं। क्योंकि झाडिय़ों से पटे इन पार्कों में तमाम तरह के जीव-जंतु बसेरा बनाए हुए हैं।
इतना ही नहीं अनुपयोगी स्थिति में पहुंच चुके इन पार्कों में लोग कूड़ा-कचरा फेंकने से भी गुरेज नहीं करते हैं। आलम यह है कि गंदगी के चलते पार्क वातावरण को भी दूषित कर रहे हैं। इनमें से तीन पार्क तो बैढऩ पोस्ट ऑफिस के पास गनियारी मोहल्ले की पाश कालोनी में ही स्थित हैं। इन पर अधिकारियों ने गौर किया तो बदहाल पार्कों की सूरत बदल सकती है।
कागज तक सीमित रह गई 20-20 योजना
पूर्व में भी नगर निगम ने 20-20 योजना के तहत शहरी क्षेत्र के 20 पार्कों को उत्कृष्ट बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन यह योजना केवल कागज तक सीमित होकर रह गई। आवश्यक कार्यवाही करने में ही वर्ष 2020 बीत गया। इसके बाद योजना ठंडे बस्ते में चली गई। योजना पर अमल नहीं होने के पीछे कोरोना की आपदा को कारण माना जा रहा है।
पूर्व में भी नगर निगम ने 20-20 योजना के तहत शहरी क्षेत्र के 20 पार्कों को उत्कृष्ट बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन यह योजना केवल कागज तक सीमित होकर रह गई। आवश्यक कार्यवाही करने में ही वर्ष 2020 बीत गया। इसके बाद योजना ठंडे बस्ते में चली गई। योजना पर अमल नहीं होने के पीछे कोरोना की आपदा को कारण माना जा रहा है।