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चिकित्सकों की लापरवाही ने ले ली युवक की जान, बिना इलाज हो गई मौत

locationसिंगरौलीPublished: Apr 11, 2019 10:45:39 pm

Submitted by:

Amit Pandey

उल्टी दस्त के चलते जिला अस्पताल में हुआ था भर्ती….

Patient death, negligence of doctor in Singrauli district hospital

Patient death, negligence of doctor in Singrauli district hospital

सिंगरौली. जिला अस्पताल में डाक्टरों की लापरवाही के चलते फिर एक युवक की जान चली गई। पिछले दिनों उल्टी-दस्त से पीडि़त युवक को उपचार के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। वार्ड में युवक को समुचित उपचार नहीं मिला। जिससे उसकी मौत हो गई। युवक की मौत के बाद परिजनों ने डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। आरोप है कि मरीज का इलाज वार्ड में भर्ती करने तक सीमित रहा है।
जानकारी के मुताबिक खुटार निवासी मनोज साकेत (22) पिता लाला साकेत को बीते मंगलवार की दोपहर अचानक उल्टी-दस्त शुरू हो गई। आनन-फानन में परिजन उसे उपचार के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां उसकी गंभीर हालत को देख डाक्टरों ने उसे भर्ती कर दिया। वार्ड भर्ती करने के बाद डाक्टरों ने मरीज की स्थिति देखना उचित नहीं समझा और ठीक दूसरे दिन बुधवार को पीडि़त युवक की मौत हो गई। युवक की मौत के बाद परिजनों ने डाक्टरों पर इलाज में लापरवाही का अरोप लगाते हुए कहा कि भूलकर भी मरीज जिला अस्पताल में इलाज कराने न आएं। यहां डाक्टर व नर्स सभी की मनमानी चलती है।
नर्स ने कहा…हम भगवान नहीं हैं
परिजनों के मुताबिक जब पीडि़त का पेट अचानक फूलने लगा तो परिजन डर गए और वार्ड में ड्यूटी नर्स के पास पहुंचे। जहां मरीज की हालत बताते हुए कहा कि मैडम एक बार मरीज को देख लीजिए। पेट ज्यादा फूल गया है लेकिन नर्स ने परिजनों की नहीं सुनी। झल्लाते हुए बोली कि वह भगवान नहीं हैं कि मरीज को बचा लेंगे। नर्स की इस बात को सुनकर परिजनों ने रेफर करने की बात कही तो ड्यूटी नर्स ने उसे भी मना कर दिया।
मौत होने के बाद किया रेफर
आरोप है कि मरीज की गंभीर हालत को देख परिजनों ने रेफर करने की बात कही। मगर, डाक्टर व नर्सों ने रेफर करने से मना कर दिया। तंत्र की लापरवाही का आलम यह है कि मरीज की मौत हो जाने के बाद रेफर का कागज बनाकर परिजनों को थमाया है। यही काम नर्सो ने पहले कर दी होती तो शायद मरीज की जान बच सकती थी लेकिन उसे सिर्फ बॉटल चढ़ाकर ठीक होना बताती रही।

लापरवाही से हो चुकी हैं मौतें
जानकारी के लिए बता दें कि जिला अस्पताल में इससे पहले भी मरीजों की मौत हो चुकी है। ऐसे कई मामलों में डाक्टर व नर्सों की लापरवाही उजागर हुई है। इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधन इस मामले को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहा है। जबकि दावा करते हैं कि जिला अस्पताल में मरीजों को समुचित व नि:शुल्क इलाज मिल रहा है। हकीकत देखने पर जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों पर हर किसी को तरस आती है। पैसे के अभाव में जिला अस्पताल की चौखट पर इलाज के लिए पहुंच रहे मरीजों को समुचित इलाज मुनासिब है।

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