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बिजली गुल होने पर जिला अस्पताल में कोई ठोस व्यवस्था नहीं, गर्मी से बिलबिलाए मरीज

locationसिंगरौलीPublished: May 04, 2019 02:14:13 pm

Submitted by:

Amit Pandey

शोपीस बनकर रह गए जनरेटर व सौर ऊर्जा सिस्टम

Patient trouble by heat electricity cut at Singrauli distric hospital

Patient trouble by heat electricity cut at Singrauli distric hospital

सिंगरौली. स्थान-जिला अस्पताल, समय – दोपहर 12.45 बजे। बिजली गुल हो गई। वहां भर्ती मरीज और तीमारदार गर्मी से बिलबिला उठे। अस्पताल परिसर में गर्मी से परेशान रामकुमार बताते हैं कि गुरुवार दोपहर से ऐसी हालत हो गई है कि वार्ड में बैठना मुश्किल हो गया है। वार्ड से लेकर एनआरसी तक के रोगी गर्मी से बिलबिला रहे हैं। इसी बीच मरीजों को नजरअंदाज कर अस्पताल प्रबंधन चलता बने। दिखावे के लिए सौर ऊर्जा लगा है। कागजो में तीन जनरेटर महीनेभर में हजारों रुपए का तेल पी रहे हैं। सिस्टम की लापरवाही उस समय उजागर हो गई। जब शुक्रवार की दोपहर पूरे शहर में अचानक बिजली गुल हुई। वार्ड से मरीजों के परिजन बाहर निकलकर राहत की सांस लिए लेकिन बेड पर लेटे मरीजों की फजीहत हो गई। यह पीड़ा मरीजों ने बयां किया है।
वार्ड में अस्पताल प्रबंधन मरीजों की समस्या से वाकिफ होने के बावजूद कोई इंतजाम नहीं करना किसी बेइमानी से कम नहीं है। कहने को तो बिजली गुल होने पर जनरेटर व सोलर ऊर्जा से काम चलाया जाता है लेकिन हकीकत यह कि जनरेटर व सोलर ऊर्जा का उपयोग जिला अस्पताल में कभी नहीं किया गया। जिससे बिजली गुल होने पर वार्ड में भर्ती मरीज गर्मी से तडफ़ड़ाते रहते हैं। हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि जिला अस्पताल में जनरेटर का उपयोग नहीं हो रहा है और महीने में हजारों रुपए की बिलिंग हो रही है। इस गंभीर मामले को जिम्मेदार अधिकारियों ने संज्ञान में नहीं लिया।
Patient trouble by heat electricity cut at Singrauli distric hospital
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जनरेटर की बिलिंग में बड़ा खेल
यह जानकार हैरानी होगी कि अस्पताल प्रबंधन जनरेटर की बिलिंग में बड़ा खेल कर रहा है। अस्पताल परिसर में लगे जनरेटर शो-पीस के लिए हैं। कभी उसका उपयोग नहीं किया गया। जबकि जनरेटर की बिलिंग प्रत्येक महीने हो रही है। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक महीनेभर में तीन जनरेटर करीब 80 हजार रुपए का तेल पी रहे हैं। इसमें जिम्मेदार अधिकारियों से लेकर बाबू तक शामिल हैं। ठीक इसी तरह सोलर ऊर्जा भी दिखावे के लिए लगा है।
एनआरसी में मासूम बच्चों की आफत
गर्मी ने हर किसी को पेरशान कर रखा है। एनआरसी में हालात यह है कि बच्चों के परिजन उन्हें बाहर लेकर बैठे हैं। परिजनों ने बताया कि रात में बिजली कटौती होने पर पूरा रात अस्पताल के छत पर बैठकर गुजरनी पड़ती है। इस दौरान मच्छारों का आतंक भी बढ़ जाता है। परेशानियां लगातार बनी हुई हैं। इस ओर जिम्मेदार अधिकारियों की नजरें इनायत नहीं हो रही है।
क्या कहते हैं मरीज:
बीते एक सप्ताह से उल्टी दस्त के चलते जिला अस्पताल में भर्ती हूं। गर्मी का कहर सहेत पर भारी पड़ रहा है। बिजली कटने के बाद स्थिति गंभीर हो जाती है।
दसमतिया, मरीज
कूलर, पंखा तो है, मगर बिजली ने परेशान कर दिया है। बिजली कटने के बाद यहां कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। जिसका नतीजा यह है कि जैसे-तैसे में रात काटने को मजबूर हैं।
रामप्रताप सिंह, मरीज
बिजली गुल होने के बाद वार्ड में अंधेरा कायम रहता है। वहीं गर्मी व उमस ने बेहाल कर दिया है। लापरवाही यह है कि कोई देखने सुनने वाला नहीं है।
तेजलाल पनिका, मरीज

गर्मी में मारे जा रहे हैं। अस्पताल प्रबंधन को अवगत कराने के बाद भी कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। जबकि जिला अस्पताल में जनरेटर व सोलर ऊर्जा लगाया गया है। यह लापरवाही नहीं तो और क्या हो सकती है।
रामसजीवन कुशवाहा, मरीज
वर्जन:-
सोलर ऊर्जा कभी-कभी काम करता है, जनरेटर बंद पड़े हैं। जिससे बिजली गुम होने पर समस्या उत्पन्न हो जाती है। महीनेभर में जनरेटर में खर्च होने की जानकारी नहीं है।
डॉ. आरपी पटेल, सीएमएचओ सिंगरौली।

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