ताकि भीषण गर्मी में मरीजों को किसी तरह की दिक्कत न हो। इसके बावजूद स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को न तो भोजन मिल रहा है और न ही अन्य सुविधाएं। इससे यह माना जा रहा है कि मरीजों को दी जाने वाली व्यवस्थाओं की राशि में बंदरबांट कर लिया गया है।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुटार के क्षेत्र में सैकड़ों गांव आते हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए क्षेत्र के लोग स्वास्थ्य केंद्र पर ही निर्भर रहते हैं। लेकिन वहां लोगों को उचित सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। बजट मिलने के बावजूद केंद्र में सुविधाओं का अभाव स्थानीय लोगों के गले से नहीं उतर रही है।
बजट मिलने के बाद भी सुविधाएं नहीं मिलना जिम्मेदार चिकित्सा अधिकारियों की लापरवाही उजागर करती है। अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही के बीच ग्रामीण अंचल के मरीज केंद्र में उपचार के लिए आते तो हैं, लेकिन सुविधाओं के अभाव के चलते उन्हें मजबूर होकर वापस लौटना पड़ जाता है।
फरवरी में मिला था बजट
बताया जाता है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुटार में उपचार के लिए आ रहे मरीजों को कोई दिक्कत न हो। इसके लिए बकायदे फरवरी महीने में चार लाख रुपए का बजट दिया गया था। ताकि मरीजों को खाने से लेकर दवा तक की व्यवस्थाएं दुरूस्त रहें। उन्हें कोई परेशानी न हो। बीएमएओ के लापरवाही का आलम यह है कि केंद्र में दिखावे का कीचन बना है, लेकिन वहां भोजन महीने में दो-चार दिन ही बनता है। इसी तरह वार्ड में पर्याप्त कूलर नहीं रखे गए हैं।
बताया जाता है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुटार में उपचार के लिए आ रहे मरीजों को कोई दिक्कत न हो। इसके लिए बकायदे फरवरी महीने में चार लाख रुपए का बजट दिया गया था। ताकि मरीजों को खाने से लेकर दवा तक की व्यवस्थाएं दुरूस्त रहें। उन्हें कोई परेशानी न हो। बीएमएओ के लापरवाही का आलम यह है कि केंद्र में दिखावे का कीचन बना है, लेकिन वहां भोजन महीने में दो-चार दिन ही बनता है। इसी तरह वार्ड में पर्याप्त कूलर नहीं रखे गए हैं।
क्या कहते हैं मरीज
यहां भोजन कभी नहीं मिलता है। कीचन है मगर उसमें किसी तरह की सुविधाएं नहीं है। किसी मरीज को भर्ती होना पड़ गया तो उसे पहले से ही डर लगता है। इस गर्मी में रात कैसे कटेगी।
राजकुमारी, मरीज।
यहां भोजन कभी नहीं मिलता है। कीचन है मगर उसमें किसी तरह की सुविधाएं नहीं है। किसी मरीज को भर्ती होना पड़ गया तो उसे पहले से ही डर लगता है। इस गर्मी में रात कैसे कटेगी।
राजकुमारी, मरीज।
एक सप्ताह पहले बुखार आने के बाद स्वास्थ्य केन्द्र में इलाज कराने आए थे। जैसे – तैसे में कुछ दवाएं मिल गईं। भर्ती होने की बात नर्स ने कहा तो अव्यवस्थ देकर हिम्मत जवाब दे दिया। बाद में जिला अस्पताल में उपचार कराया।
तेजप्रताप, मरीज।
तेजप्रताप, मरीज।
सामान्य सुविधाओंं से वंचित:-
– मरीजों को नहीं मिल रहा भोजन
– वार्ड में नहीं लगे कूलर
– मच्छरदानी नहीं है
– दवाओं का अभाव
– पानी का इंतजाम नहीं
– अन्य सुविधाएं
– मरीजों को नहीं मिल रहा भोजन
– वार्ड में नहीं लगे कूलर
– मच्छरदानी नहीं है
– दवाओं का अभाव
– पानी का इंतजाम नहीं
– अन्य सुविधाएं